उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने मंगलवार को प्रदेश में किसानों को ध्यान में रखते हुए कई आहम फैसले लिये है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) की मौजूदगी में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में सरकार ने राज्य के 62 जनपदों में 2100 ट्यूबवेल (Tubewell) लगाए जाने के निर्णय पर मुहर लगा दी है. बता दें, इसके बाद किसानों को सिंचाई में आने वाली समस्या से निजात मिल जाएगी और प्रदेश के श्रमिकों के लिए रोजगार के नए अवसर भी उपलब्ध होंगे. लोकभवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कृषि और कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि इस परियोजना पर सरकार 841 करोड़ 98 लाख 83 हजार रुपये खर्च करेगी. इससे सामान्य, पिछड़ा, अनुसूचित जाति और जनजाति के अलावा प्रदेश के सीमांत और लघु किसानों को सिंचाई की सुविधा का लाभ मिलेगा.
कृषि मंत्री ने बताया कि एक ट्यूबवेल 50 हेक्टेयर खेतों की सिंचाई कर सकेगा. वहीं इस योजना से 1 लाख 5 हजार हेक्टेयर भूमि की सिंचन क्षमता में अतिरिक्त वृद्धि होगी. अभी प्रदेश में 87 प्रतिशत नेट क्रॉप एरिया का सिंचन किया जा रहा है. प्रदेश में कुल 143.37 लाख हेक्टेयर में से 107.30 लाख हेक्टेयर एरिया का सिंचन राजकीय ट्यूबवेलों एवं निजी ट्यूबवेलों के माध्यम से किया जा रहा है, जिसमें 74.90 प्रतिशत सिंचाई निजी एवं राजकीय ट्यूबवेलों के माध्यम से की जा रही है. वर्तमान में प्रदेश में कुल 34316 राजकीय ट्यूबवेलों द्वारा कृषकों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है. सरकार द्वारा शुरू की गई इस परियोजना से मनरेगा श्रमिकों के लिए रोजगार के नये अवसर भी उपलब्ध होंगे. प्रदेश के अलग-अलग ब्लॉक एवं पंचायत स्तर पर परियोजना के माध्यम से 21 लाख मानव दिवस सृजित होंगे.
प्रदेश में मानसून की कमजोर स्थिति और अल्प वर्षा को देखते हुए योगी सरकार ने कैबिनेट की बैठक में किसानों के हित में एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. सरकार प्रदेश के किसानों को निःशुल्क तोरिया बीज मिनीकिट देगी. दो किलोग्राम का यह पैकेट राज्य पोषित प्रमाणित बीजों पर अनुदान की योजना के अन्तर्गत दिया जाएगा, जिस पर 4 करोड़ 57 लाख 60 हजार रुपये खर्च किए जाएंगे. तोरिया के निःशुल्क बीज मिनीकिट का वितरण पारदर्शी तरीके से ग्राम पंचायतों और जनप्रतिनिधियों के सहयोग एवं उनकी मौजूदगी में कराया जायेगा. किसानों को इस सुविधा का लाभ 'पहले आओ-पहले पाओ' के आधार पर किया जाएगा. इसमें 30 प्रतिशत महिला किसानों की भागीदारी सुनश्चित करने का भी प्रयास होगा.