मध्यप्रदेश के इंदौर जिले के एक किसान ने शुक्रवार को कहा कि स्थानीय मंडी में अपनी उपज के औने-पौने दाम मिलने के कारण उसने लहसुन को नाले में फेंक दिया है क्योंकि इसकी खेती उसके लिए घाटे का सौदा साबित हुई.
पश्चिमी मध्यप्रदेश, राज्य में लहसुन की खेती का गढ़ है. मांग से कहीं ज्यादा आपूर्ति के कारण स्थानीय मंडियों में लहसुन की कीमत गिरने से नाराज किसानों द्वारा अपनी फसल को यहां-वहां फेंककर नष्ट करने के वीडियो इस इलाके से लगातार सामने आ रहे हैं.
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इंदौर से 15 किलोमीटर दूर माता बरोड़ी गांव के किसान विकास सिसोदिया ने कहा, ‘मुझे इंदौर की मंडी में लहसुन का एक रुपये प्रति किलोग्राम का दाम मिल रहा था. इससे लहसुन की उत्पादन लागत, फसल तुड़वाने, इसे भंडारित करने और मंडी तक पहुंचाने का खर्च नहीं निकलता. इसलिए मैंने लहसुन की अपनी फसल को गांव के नाले में फेंकना उचित समझा.'
उन्होंने दावा किया कि चार बीघा में लहसुन की खेती से उन्हें कुल मिलाकर तीन लाख रुपये का घाटा झेलना पड़ा है.
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इस बीच, संयुक्त किसान मोर्चा की इंदौर इकाई के संयोजक रामस्वरूप मंत्री ने कहा कि स्थानीय मंडियों में लहसुन के दाम 50 पैसे प्रति किलोग्राम तक गिर चुके हैं, जबकि एक किलोग्राम लहसुन पैदा करने में किसान को औसतन 20 रुपये की लागत आती है.
उन्होंने कहा, ‘लहसुन उत्पादक किसानों की दुर्दशा की सुध लेते हुए सरकार को पश्चिमी मध्यप्रदेश से इस फसल के निर्यात के इंतजाम तुरंत शुरू करने चाहिए. इस सिलसिले में सरकार की ओर से पहले ही काफी देर चुकी है.'