वैज्ञानिकों ने सुलझाया धरती के सबसे बड़े कीड़े का रहस्य, 10 फुट लंबे और 88 पैरों वाले इस कीट के बारे में जानकर चौंकी दुनिया

यह कीड़ा 10.5 फीट लंबा था, जिसके दानव जैसे 88 पैर थे. इस अजीबोगरीब दिखने वाले कीड़े के बारे में वैज्ञानिक कई सालों से शोध कर रहे थे. वैज्ञानिकों ने आखिरकार धरती के इस सबसे बड़े कीड़े का रहस्य सुलझा लिया है.

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Arthropleura Biggest Bug on Earth: क्या आप जानते हैं कि धरती के सबसे बड़े कीड़े के बारे में...आज हम आपके साथ इससे जुड़ी खास जानकारी साझा करने वाले हैं, जिसके बारे में जानकर हैरानी होना लाजिमी है. बताया जा रहा है कि, यह कीड़ा 10.5 फुट (3.2 मीटर) लंबा था, जिसके दानव जैसे 88 पैर थे. इस अजीबोगरीब दिखने वाले कीड़े के बारे में वैज्ञानिक कई सालों से शोध कर रहे थे. काफी सालों के शोध के बाद वैज्ञानिकों ने आखिरकार धरती के इस सबसे बड़े कीड़े का रहस्य सुलझा लिया है. कहा जा रहा है कि, आज से तकरीबन 30 करोड़ साल पहले यह धरती (कार्बोनिफेरस युग) में रहा करता था. हाल ही में वैज्ञानिकों ने फ्रांस के मोंसो-लेस-माइन से मिले दो जीवाश्मों की खोज से अब इस कीड़े, आर्थ्रोप्ल्यूरा के सिर का ढांचा तैयार किया गया.

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वैज्ञानिकों ने सुलझाया एक सदी पुराना रहस्य

आखिरकार वैज्ञानिकों ने इस कीट से जुड़ा एक सदी पुराना रहस्य सुलझा लिया है, जिसके सिर की संरचना तैयार कर ली गई है. बताया जा रहा है कि, इस कीट का शरीर 24 हिस्सों में बंटा था. साइंस अडवांसेज' पत्रिका में प्रकाशित शोध के मुताबिक, आर्थ्रोप्ल्यूरा में मिलीपीड और सेंटिपीड, दोनों के लक्षण पाए गए हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि, इस कीट का शरीर मिलीपीड जैसा था, जिसके हर हिस्से में दो जोड़ी पैर होते थे. यही नहीं गोल सिर वाले इस आर्थ्रोप्ल्यूरा के छोटे घंटी के आकार के दो एंटीने और केकड़े जैसी आंखें थीं. वहीं पत्ते और छाल खाने के लिए इस कीट का छोटा सा मुंह अनुकूलित था. बता दें कि, ये बड़ा और शांत कीड़ा शाकाहारी था. खास बात ये है कि, इस अजीबोगरीब कीड़े का सिर सेंटिपीड जैसा था. वैज्ञानिकों का मानना है कि उस युग के बाद से अब तेजी से ये जीव छोटे हो रहे हैं.

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इस वजह से तेजी से होता था इन कीड़ों का विकास

वैज्ञानिकों का मानना है कि, पौधों के सड़े-गले हिस्सों को खाने वाला और धीमा चलने वाला यह जीव विशाल होने के बावजूद शिकारी नहीं था, लेकिन इसकी तुलना हाथियों से की जा सकती है, जो ज्यादातर समय पौधों को खाने में बिताते हैं. उस समय ये कीट उष्णकटिबंधीय, दलदली जंगलों में रहते थे. उस समय ऑक्सीजन से भरपूर वातावरण के चलते इन विशालकाय जीवों का विकास तेजी से होता था. हाल ही में खोजे गए नवजात जीवाश्म वयस्क आर्थ्रोप्ल्यूरा बेहद छोटे हैं.

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