वर्क फ्रॉम होम एम्पलाई को एक सहुलियत ये होती है कि, वो मैनेजमेंट की नजरों से दूर होते हैं और कभीकभार काम के बीच अपने भी कुछ काम निपटा सकते हैं, लेकिन यही सोच एक वर्क फ्रॉम एम्पलाई को भारी पड़ गई, जिसके काम न करने की चुगली किसी ऑफिस कलीग ने नहीं, बल्कि उसके अपने लैपटॉप ने कर दी, जिसके बाद कंपनी ने उसे फायर करने में देर नहीं लगाई. इंश्योरेंस ऑस्ट्रेलियन ग्रुप में काम करने वाली इस महिला को 18 साल की नौकरी के बाद परफॉर्मेंस इवोल्यूशन प्रोग्राम में डाल दिया गया था. महिला कर्मचारी का नाम Suzie Cheikho है.
पकड़ी गई लापरवाही
महिला कर्मचारी को परफॉर्मेंस इंप्रूवमेंट प्लान में डालने के बाद 49 दिनों तक कंप्यूटर पर उनकी एक्टिविटी को मॉनिटर किया गया, जिसमें की बोर्ड के स्ट्रोक्स तक शामिल थे. News.com.au के अनुसार अक्टूबर से दिसंबर तक उसका काम मॉनिटर किया गया. इसके बाद फरवरी में उसे फायर कर दिया गया. इस दौरान वो डेडलाइन्स पूरी करने के साथ-साथ मीटिंग्स भी मिस करती रहीं और जरूरी टास्क भी पूरे नहीं कर सकीं. फेयर वर्क कमिशन ने ये भी नोटिस किया कि, वो नीयत समय पर काम भी नहीं करती थीं. देर से काम शुरू करती थीं और समय से पहले चली जाती थीं. उनकी ऑनलाइन एक्टिविटी से य़े भी पता चला कि, कुछ काम तो करती ही नहीं थीं.
मेंटल हेल्थ को बताया वजह
महिला ने बताया कि जब उन्हें ये डाटा बताया गया तो वो उस पर यकीन ही नहीं कर सकी. उसने कहा कि वो बीच-बीच में दुकान जाया करती थीं, लेकिन पूरे दिन के लिए नहीं. रिटन रिस्पॉन्स में उसने ये भी कहा कि, वो बहुत सारे पर्सनल इश्यूज से जूझ रही हैं, जिसमें उनकी मेंटल हेल्थ भी शामिल है, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई, जिसके बाद उसने गुस्से में ये भी कहा कि, कंपनी का इरादा उन्हें निकालने का ही था. अब ये महिला टिकटॉक पर माइक्रो इंफ्लूएंसर है, जिसके 8 हजार फॉलोअर्स भी हैं. अब महिला को डर सता रहा है कि, शायद उसे दोबारा कभी नौकरी नहीं मिल सकेगी.
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