देश के दक्षिण राज्य आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम जिले में एक आदिवासी गांव में सड़क तक नहीं है, जिसका खामियाजा यहां के स्थानीय लोगों को रोजाना भुगतना पड़ रहा है. इसका जीता-जागता सबूत है सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो, जिसमें कुछ आदिवासी लोग एक आदिवासी प्रेग्नेंट महिला को टेंपरेरी डोली में बैठाकर उबड़-खाबड़ से होते हुए नदी में उतर कर उसे अस्पताल ले जाते दिख रहे हैं. सोशल मीडिया पर वायरल यह वीडियो जिले के देवरापल्ली मंडल के बोडियागारुवु गांव का है. वहीं, डोली में डरी-डरी बैठी गर्भवती महिला का नाम साहू श्रावणी है.
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गर्भवती महिला को डोली में अस्पताल लेकर पहुंचे गांववाले
सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो में दावा किया गया है कि पेट में तेज दर्द होने की वजह से गर्भवती महिला साहू श्रावणी गांव जाने वाले रास्ते से जाने में असमर्थ थीं, रास्ता इतना बेकार है कि इस पर पैदल चलना भी मुमकिन नहीं है. वहीं, कुछ आदिवासी लोगों ने एक टेंपरेरी डोली का इंतजाम किया और दर्द से कराह रही गर्भवती महिला को मेडिकल सुविधाओं तक पहुंचाने के लिए कठिन रास्ते से उसे पार लगाया. वहीं, गांव के लोगों का कहना है कि उनके गांव में पक्की सड़क तक नहीं है, जिसकी वजह से यहां के लोगों को रोजाना इस तरह की बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. गांववालों ने दावा किया कि उनके लिए यह समस्या काफी समय से चली आ रही है.
यहां देखें वीडियो
पहले भी आ चुके हैं ऐसे मामले
आपको बता दें, यह पहली बार नहीं है, जब किसी गर्भवती महिला को इतनी परेशानियों का सामना कर अस्पताल तक पहुंचाया गया है. जानकर हैरानी होगी कि विशाखापट्टनम में ही एएसआर जिले के बुरुगा गांव में लोग एक 20 वर्षीय गर्भवती आदिवासी महिला को डोली में बैठाकर 9 किमी तक पैदल लेकर गये थे. वहीं, अक्टूबर में गुजरात से भी एक ऐसा ही मामला सामने आया था, जहां उदेपुर जिले के आदिवासी गांव तुर्खेड़ा में एक प्रेग्नेंट महिला को डोली में लादकर अस्पताल ले जाया जा गया था. दुर्भाग्यवश गर्भवती महिला की रास्ते ही में दर्द से मौत हो गई थी.
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