Viking diet: समुद्री सफर और रोमांच के लिए मशहूर वाइकिंग्स सिर्फ युद्ध कौशल में ही नहीं, बल्कि अपने खानपान में भी खास थे. 8वीं सदी के अंत से 11वीं सदी तक डेनमार्क, नॉर्वे और स्वीडन से आने वाले ये लोग यूरोप और उससे आगे तक छाप छोड़ गए. आज, उनकी खानपान शैली यानी 'वाइकिंग डाइट' या 'नॉर्डिक डाइट' एक बार फिर ट्रेंड में है, क्योंकि लोग अब ज़्यादा से ज़्यादा स्थानीय, ऑर्गेनिक और संपूर्ण भोजन की तरफ लौट रहे हैं.
क्या है वाइकिंग डाइट? (Viking diet kya hai)
वाइकिंग डाइट (what is Vikings Diet) मौसम, भौगोलिक स्थिति और सामाजिक दर्जे के अनुसार बदलती थी.
- मछली और सीफूड: तटीय इलाकों में वाइकिंग्स कॉड, हेरिंग, ईल जैसी मछलियां और मसल्स, ऑयस्टर जैसी समुद्री चीज़ें खाते थे.
- अनाज: जौ, ओट्स और राई से बनी रोटियां, दलिया और यहां तक कि बीयर भी उनके खानपान का हिस्सा थी.
- फल और सब्जियां: बेरीज़, सेब, आलूबुखारा, पत्ता गोभी, गाजर और प्याज आम थे.
- डेयरी उत्पाद: गाय, बकरी और भेड़ का दूध, पनीर और मक्खन.
- भोजन संरक्षित करने के तरीके: ठंडे इलाकों में वे खाना स्मोकिंग, सॉल्टिंग और फर्मेंटिंग से लंबे समय तक सुरक्षित रखते थे.
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विशेषज्ञ की राय (Viking food habits)
रजिस्टर्ड डायटिशियन और फूड ब्लॉगर लॉरेन हैरिस-पिंकस के मुताबिक, वाइकिंग्स का खानपान उस समय उपलब्ध प्राकृतिक और साफ-सुथरे खाने पर आधारित था. उनका कहना है कि आज के समय में भी यह डाइट फाइबर युक्त फल, सब्जियां, दालें, नट्स और साबुत अनाज के जरिए गट हेल्थ को बेहतर बनाती है और डायबिटीज, हृदय रोग और कुछ कैंसर जैसी लाइफस्टाइल बीमारियों से बचाव करती है.
नुकसान भी हैं ( Viking diet side effects)
हालांकि, यह डाइट मेडिटेरेनियन डाइट की तुलना में ज़्यादा मांस और जानवरों की चर्बी पर आधारित है. ठंडे इलाकों में यह फैट उन्हें सर्दियों में ताकत देता था, लेकिन आज के समय में यह सैचुरेटेड फैट हृदय रोग का खतरा बढ़ा सकता है. हैरिस-पिंकस की सलाह है कि आधुनिक लोग इस डाइट से मीठी शराब (Mead) को हटा कर इसे स्वस्थ रूप में अपना सकते हैं.
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