लिखने वाले ने क्या लिखा है- कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता है, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों. अगर इंसान चाह ले तो कुछ भी कर सकता है. मध्य प्रदेश के इंदौर की बेटी अंकिता नागर ने ये साबित भी कर दिया. अंकिता ने सिविल जज की परीक्षा पास कर साबित कर दिया कि मेहनत से लक्ष्य की प्राप्ति की जा सकती है. अंकिता के पिता सब्जी बेचते हैं. इस काम में वो भी अपने पिता की मदद करती है. सबसे कमाल की बात ये है कि सिविल जज में चयन होने के बाद भी अंकिता अपनी दुकान पर पहुंचकर सब्जी बेच रही थी. सोशल मीडिया पर लोग अंकिता की तारीफ कर रहे हैं.
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अंकिता की सफलता पर उसके पूरे परिवार को गर्व है. एलएलबी की पढ़ाई के दौरान ही अंकिता सिविल जज की तैयारी में जुट गई थी. आर्थिक स्थिति कमजोर होने के बावजूद भी अंकिता के पैरेंट्स ने उन्हें पढ़ने से कभी नहीं रोका. वो हमेशा अंकिता को सपोर्ट करते रहें. आज नतीजा ये हुआ कि अंकिता ने इतिहास रच दिया.
अंकिता ने बहुत मेहनत से सफलता प्राप्त की है. पढ़ाई के बाद जब भी मौका मिलता है तो अंकिता अपने पिता की दुकान के पास आ जाती है और सब्जी बेचने लगती है. अंकिता, आज एक दूसरों के लिए उदाहरण बन गई है. आज भी गांव-देहात में कई ऐसी लड़कियां हैं जो आगे पढ़ना चाहती हैं, मगर आर्थिक स्थिति सही नहीं होने के कारण रुक जाती हैं.