अंतरिक्ष में बनेगा इतिहास: अब स्पेस में डिजाइन होंगे जूते, Reebok के को-फाउंडर का सपोर्ट

AI Shoe Design: रीबॉक के सह-संस्थापक जो फोस्टर द्वारा समर्थित फ्लोरिडा स्थित फुटवियर कंपनी सिंटिले अंतरिक्ष में एक जूता डिजाइन करने के लिए कमर कस रही है.

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Reebok के को-फाउंडर की उड़ान अंतरिक्ष की ओर...अब चांद-तारे नहीं, जूते होंगे स्पेस से डिजाइन

Shoes Designed In Space: अमेरिका की फ्लोरिडा स्थित फुटवियर कंपनी Syntilay एक ऐतिहासिक कदम उठाने जा रही है. कंपनी ने घोषणा की है कि, वह 2026 के मध्य से अंत तक अंतरिक्ष में जूते डिजाइन करेगी. इस मिशन को Reebok के सह-संस्थापक जो फोस्टर का समर्थन प्राप्त है. Syntilay, जिसका नाम 'scintillate' शब्द से प्रेरित है, OrbitsEdge और Copernic Space के साथ मिलकर इस अनोखे मिशन को अंजाम दे रही है. यह मिशन 2026 की शुरुआत में SpaceX Falcon 9 रॉकेट के ज़रिए लॉन्च किया जाएगा.

कंपनी का अनोखा मिशन 2026 में उड़ान भरेगा (space fashion innovation)

कंपनी के मुताबिक, हम एक AI एजेंट को सैटेलाइट पर तैनात करेंगे, जो पहली बार पृथ्वी के बाहर जूते का डिज़ाइन तैयार करेगा. यह इंसान के इतिहास में पहली बार होगा. अगर सैटेलाइट पर कंप्यूटर की प्रोसेसिंग पावर पर्याप्त नहीं रही, तो यह एजेंट 2D डिज़ाइन तैयार करेगा. कंपनी के सीईओ बेन वीस का कहना है कि, सितंबर 2026 तक स्पेस-डिज़ाइन किए गए जूते बाजार में उपलब्ध होंगे.

यहां देखें पोस्ट

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3D प्रिंटिंग के ज़रिए होंगे तैयार (Reebok cofounder Joe Foster news)

पहले स्पेस में डिज़ाइन किए गए जूते को Zellerfeld के साथ मिलकर 3D प्रिंट किया जाएगा. ये खास जूते 2026 की दूसरी तिमाही (Q2) में लॉन्च किए जाएंगे, जिनकी कीमत $200 (लगभग ₹16,000) होगी. बेन वीस के अनुसार, इस मिशन का उद्देश्य यह दिखाना है कि कैसे अंतरिक्ष में बनी तकनीक को आम उपभोक्ता के लिए उपयोगी और किफायती बनाया जा सकता है.

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Reebok को-फाउंडर की सोच-व्हाइट स्पेस (Syntilay space shoes)
जो फोस्टर ने कहा, जब हमने Reebok शुरू किया था, तब हमें खुद को बाज़ार में स्थापित करने के लिए कुछ नया और अलग करना पड़ा था. अब Syntilay वही कर रही है, लेकिन इस बार 'व्हाइट स्पेस' धरती पर नहीं, अंतरिक्ष में है. Syntilay का यह इनोवेटिव मिशन केवल फैशन और तकनीक को जोड़ने का काम नहीं करेगा, बल्कि AI और ब्लॉकचेन जैसी एडवांस टेक्नोलॉजी को और अधिक सुलभ और पर्यावरण के अनुकूल बनाने की दिशा में भी एक कदम होगा.

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