मर्डर, रेप और किडनैपिंग जैसे सीरियस मामलों से लेकर लड़ाई-झगड़े और फोन खो जाने तक के मामलों में लोग सीधा पुलिस स्टेशन का रूख करते हैं. कई बार हमें ऐसा लगता है कि जल्द से जल्द कंप्लेंट फाइल हो जाए, तो थोड़ी तसल्ली हो. अपनी परेशानियों को कम करने और शिकायत दर्ज कराने के लिए लोग पुलिस स्टेशन जाते हैं, ताकि वहां से कोई मदद मिल सके, लेकिन कई बार उटपटांग डिमांड की वजह से भी रक्षक (पुलिस) ही हमारी परेशानी का कारण बन जाते हैं. फोन खोने के बाद मदद के लिए पुलिस स्टेशन पहुंचे यूपी के एक शख्स के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. दरअसल, यहां पुलिस स्टेशन में मौजूद अधिकारियों ने कंप्लेंट लिखने के बजाए शिकायतकर्ता के सामने जलेबी की डिमांड रख दी. पढ़ें आखिर क्या है पूरा माजरा.
कंप्लेंट लिखने के लिए एक किलो जलेबी की डिमांड (man asked to get jalebis)
यूपी की राजधानी लखनऊ से करीब 91 किलोमीटर दूर बहादुरगढ़ पुलिस थाना क्षेत्र के कनौर गांव में चंचल कुमार नाम का शख्स दवाइयां खरीदने मेडिकल स्टोर जा रहा था. रास्ते में उसका फोन कहीं गिर गया और बहुत ढूंढने के बाद भी नहीं मिला, जिसके बाद चंचल पुलिस स्टेशन पहुंचा. पुलिस स्टेशन में अधिकारियों ने सारी बात सुनने के बाद कंप्लेन लिखने के बजाए शिकायतकर्ता को एक किलो गर्म जलेबी या बालूशाही लाने के लिए कहा. जब चंचल को विश्वास हो गया कि, बिना जलेबी के पुलिस अधिकारी कंप्लेन नहीं लिखेंगे, तब वह जलेबी खरीद कर ले आया, जिसके बाद ही उनकी शिकायत दर्ज की गई.
पहले 'आलू' की डिमांड ने बटोरी थी चर्चा (mobile missing complaint jalebis)
यूपी पुलिस का कंप्लेन लिखने से पहले डिमांड का यह पहला मसला नहीं है. इससे पहले भी ऐसे कई मामले प्रकाश में आए हैं, जिसके बाद अधिकारियों को सस्पेंड भी किया गया था. इसी महीने में कन्नौज के एक सब-इंस्पेक्टर को 'आलू' की डिमांड के चलते सस्पेंड कर दिया गया था. इंवेस्टिगेशन में पता चला कि 'आलू' घूस के लिए इस्तेमाल किए जाने वाला कोड वर्ड है. यह घटना तब सामने आई जब पुलिसकर्मी राम कृपाल सिंह द्वारा एक मामले को निपटाने के लिए रिश्वत मांगने का कथित ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ.