कैब ड्राइवर ने गाड़ी में किया अनोखा जुगाड़, देख हैरत में पड़ा टेक्निकल एक्सपर्ट, यूजर्स बोले- ये तो इंजीनियर निकला

ड्राइवर, जिसकी पहचान दुरई के रूप में हुई, ने पार्थ परमार को बताया कि यह डिवाइस एक पैडल शिफ्टर है और उसने इसे खुद डिजाइन किया था.

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कैब ड्राइवर ने गाड़ी में किया अनोखा जुगाड़, देख हैरत में पड़ा टेक्निकल एक्सपर्ट

बेंगलुरु (Bengaluru) अपनी टेक-सेवी कल्चर के लिए जाना जाता है. शहर की दिलचस्प घटनाएं अक्सर सोशल मीडिया यूजर्स का ध्यान खींचती हैं. हाल ही में, पार्थ परमार नाम के एक टेक्निकल एक्सपर्ट ने मराठाहल्ली से एचएसआर लेआउट तक जाने के लिए उबर (Uber) बुक किया. उन्होंने डैशबोर्ड पर एक अजीब सी डिवाइस देखी, जिसके बाद वह सोच में पड़ गए. उन्होंने जब ड्राइवर से इसके बारे में पूछा तो उसकी बातों ने उन्हें हैरान कर दिया.

ड्राइवर, जिसकी पहचान दुरई के रूप में हुई, ने पार्थ परमार को बताया कि यह डिवाइस एक पैडल शिफ्टर है और उसने इसे खुद डिजाइन किया था क्योंकि वह कंधे में दर्द से पीड़ित था और जब वह गियर बदलता था तो दर्द होता था. पार्थ परमार ने एक्स पर लिखा, "पूरे काम में उन्हें ₹ 9,000 का खर्च आया." "यह बहुत बड़ा हो सकता है. काश उन्हें इसे बड़ा बनाने के लिए सही समर्थन और मार्गदर्शन मिलता. भारत में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है."

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बाद के ट्वीट में, पार्थ ने बताया, "उन्होंने स्टीयरिंग के पीछे की छड़ी को पैडल शिफ्टर में बदल दिया, जो एक चिप से जुड़ा था जो रिले को सक्रिय करता है जो गियर को शिफ्ट करने के लिए मोटर असेंबली को चलाता है."

पार्थ ने आगे लिखा कि कि दुरई 4 भाषाएं बोलते हैं. वह हिंदी, मराठी, तेलुगु, कन्नड़ जानते हैं. यही असली भारत को दर्शाता है. जो उन्हें चाहिए वह बोलते हैं, जो उन्हें चाहिए वह आविष्कार करते है. ऐसा ही भारत होना चाहिए.

लोगों ने किया सलाम

पार्थ की ये पोस्ट देखते ही देखते वायरल होने लगी और लोग इस इनोवेटिव आइडिया की जमकर सराहना कर रहे हैं. एक यूजर ने लिखा, प्रतिभा और हिंदी में बोलने के उनके प्रयास दोनों के लिए उन्हें सलाम!. दूसरे ने लिखा, "नैनो की तरह दिखता है. अगर वह इसे पेटेंट करा सकता है, तो मैं निश्चित रूप से एक ग्राहक हूं.

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