भारतीय वन सेवा (आईएफएस) अधिकारी परवीन कासवान (IFS officer Parveen Kaswan) द्वारा शेयर किए गए एक हालिया वीडियो ने वन्यजीव संरक्षण पर पर्यटन के प्रभाव के बारे में बहस छेड़ दी है. बाघ सफारी (Tiger Safari) के दौरान कैप्चर किए गए फुटेज में एक चिंताजनक दृश्य दिखाया गया है, जहां कई पर्यटक वाहन, लोगों से खचाखच भरे हुए, जंगल के रास्ते पर टहल रहे एक बाघ का बेहद करीब से पीछा कर रहे हैं.
वीडियो में, बाघ आगे और पीछे दोनों ओर से घिरा हुआ दिखाई दे रहा है, जिससे जानवर और पर्यटकों दोनों के लिए संभावित खतरनाक स्थिति पैदा हो रही है. भीड़ द्वारा फ़्लैश फ़ोटोग्राफ़ी का उपयोग करने से बाघ पर तनाव और बढ़ जाता है, जिसे तेज़ रोशनी और अचानक चमक के प्रति संवेदनशील माना जाता है.
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वीडियो को 392k से अधिक बार देखा गया और ढेर सारी प्रतिक्रियाएं मिलीं हैं. इस घटना ने वन्यजीव सफारी के नैतिक निहितार्थों के बारे में व्यापक चर्चा शुरू कर दी है, कई लोगों का तर्क है कि इस तरह की मुठभेड़ जानवरों के प्राकृतिक व्यवहार को परेशान और बाधित कर सकती है. वीडियो ने वन्यजीव अभयारण्यों में सख्त नियमों और जिम्मेदार पर्यटन प्रथाओं की आवश्यकता के बारे में भी चिंता जताई है.
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