पर्यटन अक्सर खूबसूरत शहरों को संपन्न आर्थिक केंद्रों में बदल देता है, जिससे उनकी ग्लोबल फेम और विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी होती है. हालांकि, जापान के सांस्कृतिक केंद्र क्योटो के लिए, पर्यटकों की बढ़ती संख्या ने कई चुनौतियों को जन्म दिया है. पर्यटकों की भारी संख्या ने आलोचना को जन्म दिया है, एक सोशल मीडिया यूजर ने तो शहर को ‘सेवेंथ रिंग ऑफ हेल' (Seventh Ring Of Hell) यानी "नर्क का सातवां वलय" तक कह दिया है.
2024 के अंत तक लगभग 35 मिलियन पर्यटक जापान का दौरा कर चुके थे. लेकिन अगर आप जापान के चेरी ब्लॉसम, अत्याधुनिक तकनीक और हाई-स्पीड ट्रेनों को देखने की योजना बना रहे हैं, तो यह आपकी अपेक्षा से थोड़ा अधिक भीड़भाड़ वाला हो सकता है.
@yoohoo.gogo द्वारा हाल ही में अपलोड किए गए एक वीडियो ने क्योटो के हिगाशियामा क्षेत्र में मशहूर सन्नेनज़ाका सड़क पर भीड़भाड़ की स्थिति देखी जा सकती है.
यहां वीडियो देखें:
वीडियो में स्थानीय अधिकारियों को शहर के प्रसिद्ध कियोमिज़ू-डेरा मंदिर की ओर जाने वाली कोबलस्टोन सड़क पर पैदल यातायात को प्रबंधित करने की कोशिश करते हुए दिखाया गया है. इस इलाके में सैकड़ों लोगों की भीड़ है, जिन्हें यहां से गुजरने में दिक्कत हो रही है.
फुटेज से भीड़भाड़ को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं, निवासियों ने कहा है कि "अति पर्यटन ने जापान को बर्बाद कर दिया है" और वे "पर्यटक नियमों का इंतजार कर रहे हैं."
जापानी कला ब्लॉग स्पून एंड टैमागो के मालिक जॉनी वाल्डमैन ने एक्स पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'अलोकप्रिय राय: क्योटो अभी नरक का सातवां घेरा है.' जापान में पर्यटकों की बढ़ती आमद के साथ, उनके नंबर्स को मैनेज करने के लिए नियमों को लागू करना एक ज़रूरी ज़रूरत बन गई है.