दिल्ली के पॉश इलाके में सड़क पर छतरी लगाकर बाल काटने वाले इस नाई की सोशल मीडिया पर हो रही चर्चा, क्या है वजह?

हाल में एक डिजिटल मार्केटर ने साउथ दिल्ली के एक नाई की तस्वीर शेयर कर ये दावा किया कि उसके यहां मिलने वाली सेवाएं हाई फाई सैलून्स से कम नहीं है, जिसके बाद सोशल मीडिया पर एक नई बहस शुरू हो गई.

Advertisement
Read Time: 20 mins
साउथ दिल्ली के इस स्ट्रीट बार्बर को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चा

सड़क पर एक छतरी लगा कर बैठे नाई आमतौर पर भारतीय शहरों और कस्बों के हर कोने में दिख जाते हैं. हेयरकट से लेकर शेविंग तक की सुविधा इन सड़क नाइयों के पास उपलब्ध होती है, लेकिन क्या आप सोच सकते हैं कि कभी भी इनकी तुलना हाई लेवल वाले सैलून के साथ की जा सकती है. हाल में एक डिजिटल मार्केटर ने साउथ दिल्ली के एक नाई की तस्वीर शेयर कर ये दावा किया कि उसके यहां मिलने वाली सेवाएं हाई फाई सैलून्स से कम नहीं है, जिसके बाद सोशल मीडिया पर एक नई बहस शुरु हो गई.

Advertisement

एक्स यूजर और एक डिजिटल मार्केटर शुभो सेनगुप्ता (@shubhos) ने एक ऐसे नाई के बारे में पोस्ट किया, जिसकी दक्षिण दिल्ली के पॉश ग्रेटर कैलाश मार्केट में फुटपाथ पर दुकान है. सेनगुप्ता ने कहा कि नाई रोहतास सिंह बाल काटने के लिए केवल 50 रुपये लेते हैं और उसकी दुकान जीके2 एम ब्लॉक मार्केट में है. उन्होंने कहा, उसी बाजार में उनका कॉम्पिटिशन टोनी एंड गाइ और ट्रूफिट एंड हिल जैसे हाई-एंड सैलून से है जो 700 रुपये से 2,000 रुपये के बीच फीस लेते हैं.

सेनगुप्ता ने कहा कि वह ऐसी सभी जगहों पर गए हैं और उनके अनुसार, वे सभी एक बराबर क्वालिटी के हैं. उन्होंने लिखा, छोटे उद्यमियों का समर्थन करें, वे लिंक्डइन पर सीईओ नहीं हो सकते हैं, लेकिन वे ही हैं जो अर्थव्यवस्था को ऊपर खींचते हैं. उन्होंने पोस्ट में नाई का मोबाइल फोन नंबर भी दिया और कहा कि वह आसपास के इलाकों में घर पर जाकर भी अपनी सेवा देते हैं.

Advertisement
Advertisement

एक्स पर शुरू हुई बहस

पोस्ट को अब तक 6 लाख से अधिक बार देखा जा चुका है. हालांकि, ट्वीट ने इस बात पर बहस छेड़ दी कि सड़क पर नाई से बाल कटवाना अर्थव्यवस्था के लिए कैसे अधिक फायदेमंद हो सकता है. एक यूजर ने लिखा, मेरा 2000 रुपये का ट्रूफ़िट हेयरकट फुटपाथ की दुकान को भुगतान किए गए 50 रुपये की तुलना में अर्थव्यवस्था पर कम प्रभावशाली कैसे है. दूसरे ने लिखा, खूब कहा है. फलती-फूलती अर्थव्यवस्थाओं की रीढ़ मशहूर हस्तियां नहीं हैं, बल्कि रोज़मर्रा में काम करने वाले छोटे व्यवसाय के मालिक हैं. उनका समर्थन करें और अपने समुदाय का भी उत्थान करें.

Advertisement

 एक अन्य ने लिखा, टोनी और गाइ न केवल बाल कटवाते हैं बल्कि एक लग्जरियस अनुभव भी देते हैं. उनके पास सबसे महंगे मॉल में सैलून हैं, वे भारी किराया देते हैं, साफ-सुथरी दुकानें हैं, अच्छे व्यवहार वाले कर्मचारी हैं जिनके पास अच्छी स्वच्छता है और पान मसाला जैसी गंध नहीं है. वहीं एक ने लिखा, मुझे लगता है कि दोनों एक साथ रह सकते हैं, जैसे अन्य मध्य-स्तरीय सैलून हैं जो बाल कटाने के लिए 100-150 चार्ज करते हैं और अच्छी दुकानें हैं. ऐसे ही हम कभी-कभी स्ट्रीट फूड का आनंद लेते हैं लेकिन आप अपने परिवार को अच्छे रेस्तरां में ले जाते हैं.

Featured Video Of The Day
NDTV Exclusive: N Biren Singh ने मणिपुर हिंसा पर कहा 'अभी हालात बेहतर होने में वक़्त लगेगा'
Topics mentioned in this article