डॉक्टरों ने किया चमत्कार, दो बार हुआ एक ही बच्चे का जन्म, मां ने बताया खुद को लकी, जानिए कैसे हुआ ये कमाल!

कैंसर के ट्रीटमेंट के बाद, बच्चे को गर्भ में वापस लाया गया और जनवरी के अंत में उसका जन्म पूर्ण अवधि में हुआ, जिसका वजन 6 पाउंड 5 औंस था.

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डॉक्टरों ने किया गर्भवती महिला का रेयर ऑपरेशन, बच्चों को दो बार दिया जन्म

एक दुर्लभ मेडिकल मिरेकल में, यूके में एक बच्चे का "दो बार जन्म" हुआ. 20 सप्ताह की गर्भवती ऑक्सफोर्ड की शिक्षिका लूसी इसाक ने ऑवेरियन कैंसर को हटाने के लिए 5 घंटे का ऑपरेशन करवाया, जिसके दौरान सर्जनों ने अस्थायी रूप से उसके गर्भ को हटा दिया, जिसमें उसका बेटा था. डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, कैंसर के ट्रीटमेंट के बाद, बच्चे को गर्भ में वापस लाया गया और जनवरी के अंत में उसका जन्म पूर्ण अवधि में हुआ, जिसका वजन 6 पाउंड 5 औंस था.

सर्जरी के कुछ सप्ताह बाद लूसी ने सर्जन सोलेमानी माजद को धन्यवाद देने के लिए हाल ही में जॉन रेडक्लिफ़ अस्पताल का दौरा किया. उन्होंने इस अनुभव को दुर्लभ और भावनात्मक बताया, जिसमें उन्होंने बच्चे के साथ ऑपरेशन करवाया.

अचानक चला कैंसर का पता

जब 32 वर्षीय लूसी 12 सप्ताह की गर्भवती थी, तो उसे नियमित अल्ट्रासाउंड के बाद ऑवेरियन कैंसर का पता चला. जॉन रेडक्लिफ़ अस्पताल के डॉक्टरों का मानना ​​था कि जन्म के बाद तक उपचार में देरी करने से कैंसर फैल सकता है, जिससे उसकी जान को खतरा हो सकता है. उसकी गर्भावस्था के एडवास स्टेज के कारण, स्टैंडर्ड कीहोल सर्जरी संभव नहीं थी, जिससे डॉक्टरों को दूसरे ऑपशन्स की तलाश करनी पड़ी.

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डॉक्टर ने किया रेयर ऑपरेशन

डॉ. सोलेमानी माजद के नेतृत्व में एक टीम ने सर्जरी के दौरान अजन्मे बच्चे, रैफ़र्टी को गर्भ में रखते हुए कैंसर कोशिकाओं को हटाने के लिए एक दुर्लभ और जटिल प्रक्रिया का प्रस्ताव रखा. यह हाई रिस्क ऑपरेशन, जो दुनिया भर में कुछ एक बार किया गया था, इसमें लूसी के गर्भाशय को अस्थायी रूप से हटाना शामिल था, जिसमें रैफ़र्टी को कैंसर तक पहुंचने और उसका इलाज करने के लिए रखा गया था. जोखिमों के बावजूद, लूसी और उनके पति एडम ने मेडिकल टीम पर भरोसा किया और अक्टूबर में प्रक्रिया करवाई.

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लूसी के ट्यूमर के एडवांस स्टेज के कारण यह प्रक्रिया डॉ. माजद का सबसे जटिल मामला था. हालांकि, सर्जरी सफल रही और जनवरी के आखिर में बच्चे का सुरक्षित रूप से जन्म हुआ.

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15 डॉक्टर्स की एक टीम ने इस प्रक्रिया के दौरान डॉ. माजद का साथ दिया, जिसमें लूसी के गर्भाशय को अस्थायी रूप से हटाना शामिल था, जबकि बच्चे की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इसे अहम रक्त वाहिकाओं और ऊतकों से जोड़े रखा गया था.

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सर्जरी के दौरान, लूसी के गर्भाशय को सुरक्षित तापमान बनाए रखने के लिए सावधानी से गर्म सलाइन पैक में लपेटा गया था और दो डॉक्टर्स ने बारीकी से निगरानी की थी. बच्चे के तापमान को गिरने से रोकने के लिए हर 20 मिनट में पैक को बदला जाता था. डॉक्टर्स की टीम ने जांच के लिए ट्यूमर का नमूना निकाला, जिसमें ग्रेड टू कैंसर का पता चला. कैंसरग्रस्त टिशूज को हटाने के बाद, गर्भाशय को धीरे से उसकी मूल स्थिति में वापस लाया गया और लूसी के पेट को वापस सिल दिया गया.

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