आप बेंगलुरु के हों या न हों या कभी बेंगलुरु गए हों या नहीं गए हों, इस शहर के ट्रैफिक के किस्से आपने जरूर सुने होंगे. घंटो चलने वाला जाम, रेंग रेंग कर आगे को सरकती हुई गाड़ियां देश की इस सिलिकॉन सिटी की पहचान बन चुकी हैं. इस ट्रैफिक की वजह से शहर के आम लोग तो आम लोग, ऐसा लगता है कि बच्चे भी उससे परेशान हैं. दो साल के एक बच्चे ने अपनी खिलौना रेसिंग कार से जो मॉडल तैयार किया. वो बेंगलुरु के ट्रैफिक की एक दिलचस्प तस्वीर है. जिसे देखने के बाद सोशल मीडिया पर यूजर्स भी बेंगलुरु के ट्रैफिक से जुड़ा अपना दर्द साझा कर रहे हैं.
दो साल के बच्चे का मॉडल
दो साल के बच्चे के हाथ रेसिंग कार लग जाए तो वो क्या करेगा. घर के पूरे फर्श पर उसे दौड़ाता नजर आएगा. लेकिन बेंगलुरु के एक दो साल के बच्चे का नजरिया कुछ और ही है. उसके जेहन में भागती दौड़ती कार की तस्वीर बेहद थमी हुई है. इसका अंदाजा ट्विटर पर शेयर हुई एक तस्वीर से लगाया जा सकता है. जिसमें एक के पीछे एक, लंबी लाइन में खिलौना कारें जमी हुई हैं. इस पिक को शेयर किया है पवन भट कुन्दापुरा नाम के ट्विटर हैंडल ने और कैप्शन दिया है कि मेरा दो साल का भतीजा इतना बेंगलोरियन है कि उसकी कार भी ट्रैफिक जाम में फंसी हुई है. इसके साथ ही इस पिक को उन्होंने पीक बेंगलुरु मोमेंट बताया है.
45 मिनट की दूरी के लिए लगे तीन घंटे
एक बच्चे की ये इमेजिनेशन देखकर कुछ और ट्रैफिक जाम से पीड़ित लोगों का दर्द फूट रहा है. एक यूजर ने लिखा कि कि बेंगलुरु वैसे भी सबसे ज्यादा ट्रैफिक वाला शहर है. लोकेशन टेक्नॉलॉजी कंपनी टॉम टॉम के मुताबिक भी लंदन के बाद बेंगलुरु सबसे ज्यादा कंजेस्टेड शहर है. एक यूजर ने बताया कि कुछ ही दिन पहले उन्होंने कोरमंगला से जेपी नगर जाने के लिए रैपीडो बुक की थी. 45 मिनट के इस रास्ते के लिए रैपीडो पर एस्टिमेटेड टाइम 225 मिनट यानी कि 3.7 घंटे का समय बता रहा था.