Chhath Puja 2025: ठेकुआ के इन नामों का गारंटी नहीं सुना होगा आपने? संस्कृत वाला तो चौंका ही देगा

Thekua Intresting Facts: ठेकुआ सिर्फ छठ पूजा का प्रसाद नहीं, बल्कि हजारों साल पुरानी परंपरा का हिस्सा है. इसके कई नाम हैं. आज हम आपको ठेकुआ के ऐसे अनोखे नाम बताएंगे जो शायद ही आपने नहीं सुने होंगे.

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3700 साल पुराना है ठेकुआ! जानिए इस महाप्रसाद के अनोखे नाम और प्राचीन इतिहास

Interesting Facts About Thekua: छठ पूजा का नाम आते ही मन में सबसे पहले सूर्य देवता की आराधना, घाटों की रोशनी और 'ठेकुआ' की मिठास याद आ जाती है. बिहार के घरों में जब घी और गुड़ की खुशबू फैलती है, तो समझ लीजिए कि छठ का पर्व आ गया है. सोशल मीडिया पर भी इन दिनों 'ठेकुआ' चर्चा में है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस महाप्रसाद के कई और नाम भी हैं, जो सुनकर आप चौंक जाएंगे?

ठेकुआ के अनोखे नाम जो शायद आपने नहीं सुने होंगे (difference names of thekua)

बिहार और पूर्वांचल के लोग ठेकुआ को कई नामों से पुकारते हैं. कोई इसे खजूर या खजुरिया कहता है, तो कोई टिकरी. कुछ लोग इसे थोकनी या ठेकरी नाम से जानते हैं. वहीं, खस्ता नाम इसकी कुरकुरी बनावट को दर्शाता है. कुछ जगहों पर इसे थोकवा कहा जाता है, जबकि लकड़ी के सांचे में बनने की वजह से इसे अगरौटा भी कहा जाता है. यही नहीं, कई लोग इसे खमोनी या खबौनी भी कहते हैं.

ठेकुआ का प्राचीन नाम 'अपूप' (Thekua history)

इतिहासकारों का मानना है कि ठेकुआ का संबंध ऋग्वैदिक काल से है. पुराने ग्रंथों में इसका नाम 'अपूप' बताया गया है, जो करीब 3700 साल पहले का एक प्रसिद्ध मिष्ठान था. अपूप और ठेकुआ दोनों में गेहूं के आटे, घी, गुड़, नारियल और इलायची का प्रयोग किया जाता था. यानी ठेकुआ सिर्फ प्रसाद नहीं, बल्कि इतिहास से जुड़ा स्वाद है.

ठेकुआ की डिजाइन और आधुनिक रूप (thekua naam kaise padha)

ठेकुआ पर जो सुंदर आकृतियां बनती हैं, वे यूं ही नहीं होतीं. ये डिजाइन दरअसल गेहूं, गन्ना और मौसमी फलों जैसे सेब, केला और नारियल का प्रतीक हैं, जो नई फसल के लिए आभार का प्रतीक मानी जाती हैं. आज के हेल्थ-कॉन्शस दौर में बेक्ड ठेकुआ भी मार्केट में उपलब्ध हैं और देसी घी के बने ठेकुए अब ई-कॉमर्स साइट्स पर भी बिक रहे हैं. सच तो यह है कि, ठेकुआ अब देसी स्वाद का ग्लोबल ब्रांड बन चुका है.

ठेकुआ के दूसरे नाम (thekua naam in hindi)

  • खजूर/खजुरिया.
  • टिकरी.
  • थोकनी.
  • खस्ता.
  • ठेकरी.
  • थोकवा.
  • अगरौटा.
  • खमोनी.
  • अपूप.
  • रोटना.

कुछ सोशल मीडिया यूजर्स बताते हैं कि, पहाड़ों में इसे रोटना बोलते हैं जो शुभ कार्यों में बनता है, तो अगली बार जब आप ठेकुआ खाएं, तो सिर्फ स्वाद ही नहीं, उस परंपरा और इतिहास को भी महसूस करें जो हर बाइट में समाया है.

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