दंतेवाड़ा को नई पहचान दिलाने के लिए दिन में सिविल सर्वेंट और रात में 'रैपर' बन जाते हैं तहसीलदार सौरभ

सोचिए, दंतेवाड़ा का नाम सुनते ही हमलोग भय से कांपने लगते हैं. ऐसा लगता है कि वहां लाल झंडा लिए हुए नक्सली हथियार के साथ हमेशा खड़े रहते हैं. ये बात ज़रूर सच है कि दंतेवाड़ा एक नक्सल प्रभावित क्षेत्र है. मगर इसके इतर वहां की जनता बहुत ही टैलेंटेड है.

विज्ञापन
Read Time: 15 mins
रैप सॉन्ग के दीवाने हैं सौरभ

"ख़ुदी को कर बुलंद इतना कि हर तक़दीर से पहले, ख़ुदा बंदे से ख़ुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है." अल्लामा इक़बाल की ये शायरी पढ़कर काम करने की प्रेरणा मिलती है. ऐसा  लगता है जैसे दुनिया का कोई भी काम मुश्किल नहीं है. आज हम आपको एक ऐसे शख़्स की कहानी बताने जा रहे हैं, जिनके बारे में जानकर आपको गर्व होगा. इनका नाम सौरभ कश्यप है. ये पेशे से तहसीलदार हैं. छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में अपनी नौकरी करते हैं. लोगों की सेवा करने के अलावा अपन मेहनत और लगन से दंतेवाड़ा की अलग पहचान भी बना रहे हैं.

सोचिए, दंतेवाड़ा का नाम सुनते ही हमलोग भय से कांपने लगते हैं. ऐसा लगता है कि वहां लाल झंडा लिए हुए नक्सली हथियार के साथ हमेशा खड़े रहते हैं. ये बात ज़रूर सच है कि दंतेवाड़ा एक नक्सल प्रभावित क्षेत्र है. मगर इसके इतर वहां की जनता बहुत ही टैलेंटेड है. सही मौका नहीं मिलने के कारण वो आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं. ऐसे में तहसीलदार सौरभ कश्यप  एक उम्मीद की किरण बनकर आए हैं. 27 वर्षीय सौरभ एक अभियान में लगे हुए हैं. वो वहां की जनता को मुख्यधारा में लाने का अथक प्रयास कर रहे हैं. एनडीटीवी से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि हमारा मक़सद दंतेवाड़ा को एक नई पहचान देने का है. हम यहां के टैलेंटेड बच्चों को सिंगिंग के जरिए जोड़ते हैं.

रैप सॉन्ग के दीवाने हैं सौरभ

सौरभ कश्यप रैप गाने के दीवाने हैं. इनके गाने के छत्तीसगढ़ के सीएम भी मुरीद हैं. अपने कर्तव्यों का पालन करने के साथ-साथ अपने रैप सॉन्ग गाने का भी शौक पूरा करते हैं. रैप गाने के ज़रिए आम लोगों को जोड़ते हैं. सौरभ चाहते हैं कि दंतेवाड़ा के युवक भी अपनी प्रतिभा के ज़रिए आगे बढ़े ताकि देश में दंतेवाड़ा का नाम रौशन हो.

सौरभ की पढ़ाई

2015 में सौरभ ने भिलाई के शंकराचार्य कॉलेज से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की. उसके बाद पब्लिक सर्विस में जाने का मन बनाया. समाज में बदलाव लाने के लिए उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा पास की और नायाब तहसीलदार की नौकरी ज्वाइन कर ली. वैसे सौरभ का चयन वर्ष 2017 में कोऑपरेटिव इंस्पेक्टर के रूप में हुआ था. मगर सौरभ को आगे बढ़ना था, इसलिए वो लगातार अपनी पढ़ाई जारी रखे.

Advertisement

आज सौरभ कश्यप की मेहनत रंग ला रही है. दंतेवाड़ा के युवक सौरभ के साथ जुड़कर काम कर रहे हैं. एनडीटीवी से ख़ास बातचीत में सौरव ने कहा कि मुझे दंतेवाड़ा को नई पहचान दिलानी है. इस नेक काम में मेरी मदद मेरे अधिकारी और आस-पास के ग्रामीण लोग कर रहे हैं.

Advertisement
Featured Video Of The Day
NDTV Election Carnival: अंग्रेज़ों के ज़माने में सिर्फ़ पचीस हज़ार में बना था Keenan Stadium
Topics mentioned in this article