कई दिनों से भूखा था, 3 किमी पैदल चल पहुंचाया ऑर्डर, फिर कस्टमर ने ऐसे बदल दी स्विगी डिलीवरी बॉय की किस्मत

एक दिल को छू लेने वाली कहानी ऑनलाइन सामने आई है जिसमें एक लिंक्डइन (LinkedIn) यूजर ने एक फूड डिलीवरी मैन को बेहतर नौकरी दिलाने में उसकी मदद की.

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कई दिनों से भूखा था, 3 किमी पैदल चल पहुंचाया ऑर्डर, फिर ऐसे बदली स्विगी डिलीवरी बॉय की किस्मत

कहने की जरूरत नहीं है कि फूड डिलीवरी ऐप्स (food delivery apps) ने लोगों का जीवन आसान बना दिया है. जिससे ग्राहकों को गर्म पका हुआ खाना उनके दरवाजे पर मिलता है, डिलीवरी एजेंट्स को समय पर खाना पहुंचाने के लिए खराब मौसम और भारी ट्रैफिक का सामना करना पड़ता है. इन कठोर परिस्थितियों में, कभी-कभी ग्राहकों का बुरा व्यवहार उनके तनाव को बढ़ा देता है.

हालांकि, एक दिल को छू लेने वाली कहानी ऑनलाइन सामने आई है जिसमें एक लिंक्डइन (LinkedIn) यूजर ने एक फूड डिलीवरी मैन को बेहतर नौकरी दिलाने में उसकी मदद की. टेक कंपनी फ्लैश में मार्केटिंग मैनेजर प्रियांशी चंदेल ने एक भूखे और निराश स्विगी डिलीवरी एजेंट (Swiggy delivery agent) की कहानी शेयर की, जो आइसक्रीम ऑर्डर लेकर उसके घर आया था. डिलीवरी में 30-40 मिनट की देरी होने पर  चंदेल ने उनसे देरी की वजह पूछी.

फूड पार्सल सौंपते समय, साहिल सिंह ने ग्राहक को अपनी आपबीती सुनाई और कहा कि वह उसके फ्लैट तक पहुंचने के लिए 3 किमी पैदल चला क्योंकि उसके पास पैसे या वाहन दोनों ही नहीं था. उसने कहा कि उसके पास इलेक्ट्रिकल और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग की डिग्री है और वह पहले बायजू और निन्जाकार्ट के साथ काम कर चुका है. हालांकि, महामारी के दौरान अपनी नौकरी गंवाने के बाद वो जम्मू में अपने घर वापस चला गया था.

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डिलीवरी वाले ने उससे कहा, 'मैडम, मेरे पास आने जाने के लिए स्कूटी या कोई परिवहन नहीं था, मैं आपका ऑर्डर लेकर 3 किमी पैदल चला. मेरे पास पैसे नहीं हैं और यह मेरे फ्लैटमेट की वजह से है जिसने मेरे बचे हुए पैसे भी ले लिए. जिसके साथ मैं अपने यूलू को चार्ज करता हूं और मुझे -235 कर्ज में डाल दिया है. मेरे मकान मालिक को देने के लिए मेरे पास कुछ भी नहीं बचा है. आप सोच रही होंगी कि मैं सिर्फ झांसा दे रहा हूं, लेकिन मैं पूरी तरह से शिक्षित ईसीई ग्रेड हूं, मैं कोविड के दौरान अपने घर जम्मू जाने से पहले निंजाकार्ट, बायजूज में काम करता था. इस ऑर्डर की डिलीवरी के लिए भी मुझे केवल 20-25 रुपये मिलेंगे, और मुझे 12 से पहले दूसरी डिलीवरी लेनी होगी, वरना वे मुझे कहीं दूर डिलीवरी के लिए भेज देंगे, और मेरे पास बाइक नहीं है.

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मैंने एक हफ्ते से खाना नहीं खाया है, सिर्फ पानी और चाय पी रहा हूं. मैं कुछ नहीं मांग रहा हूं, प्लीज अगर आप मुझे कोई काम दिला दें, तो मैं पहले 25 हजार कमाता था, मेरी उम्र 30 साल है, मेरे माता-पिता बूढ़े हो रहे हैं और मैं उनसे पैसे नहीं मांग सकता.''

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चंदेल ने तब लिंक्डइन के यूजर्स से नौकरी दिलाने में मदद करने के लिए कहा और उसके ईमेल पते, मार्कशीट, प्रमाणपत्र और दस्तावेजों की तस्वीरें अपलोड कीं.

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उसने इंटरनेट यूजर्स से अपील की, "अगर किसी के पास ऑफिस बॉय, एडमिन वर्क, कस्टमर सपोर्ट आदि के लिए कोई जॉब है, तो कृपया किसी साथी की मदद करें!" 

कई लोग उनकी मदद के लिए आगे आए. किसी ने उसकी युलु बाइक को रिचार्ज करवाया तो किसी ने उसके यहां खाना पहुंचाया.

बाद में, चंदेल ने एक अपडेट में बताया कि डिलीवरी मैन को नौकरी मिल गई है. उसने कहा, "उसे नौकरी मिल गई !!! आगे आने वाले सभी लोगों का धन्यवाद, आप सभी कमाल के हैं." 


 

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