सूर्य से आ सकता है शक्तिशाली तूफान, ठप हो सकता है इंटरनेट, जानिए क्या Internet Apocalypse

इंटरनेट 'अपाकलिप्स' जैसे टर्म ने सोशल मीडिया यूजर्स का ध्यान खींचा है, जिसके बाद अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के नाम पर गलत सूचनाओं और निराधार चेतावनियों की बाढ़ सी आ गई.

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जानिए सोशल मीडिया पर क्यों हो रही Internet Apocalypse की चर्चा

सूरज से आने वाले सोलर स्टॉर्म (Solar storm) कभी-कभी इतने शक्तिशाली और विनाशकारी होते हैं कि, धरती पर सभी तरह के कम्युनिकेशन को बिल्कुल ठप कर देते हैं. यही कारण है कि, आजकल सोलर साइकल्स में लोगों की रुचि बढ़ रही है. Washington Post के अनुसार, 2025 में सूरज अपने 'सोलर मैक्सिमम' यानी विशेष रूप से सक्रिय अवधि की स्थिति में पहुंच जाएगा, जिसके लिए आज की डिजिटल दुनिया तैयार नहीं है. ‘इंटरनेट अपाकलिप्स' (Internet Apocalypse) जैसे टर्म ने सोशल मीडिया यूजर्स का ध्यान खींचा है, जिसके बाद अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के नाम पर गलत सूचनाओं और निराधार चेतावनियों की बाढ़ सी आ गई है.

अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा की ओर से 2025 में होने वाले सोलर तूफान के कारण इंटरनेट के समाप्त होने की आशंकाओं पर अब तक कोई कमेंट नहीं आया है, लेकिन लोग इस पर चर्चा करने लगे हैं कि, अगर ऐसा कुछ हुआ तो ‘हमेशा ऑनलाइन' रहने वाले क्या करेंगे? पर क्या ये केवल बढ़ा चढ़ाकर बताई जा रही है चीज है. Washington Post का कहना है कि,  यह पूरी तरह से काल्पनिक नहीं है.

Irvine के कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में कंप्यूटर विज्ञान की प्रोफेसर संगीता अब्दु ज्योति ने पोस्ट को बताया कि, एक तेज़ सोलर तूफ़ान पृथ्वी से टकरा सकता है, यह एक ऐसी दुर्लभ घटना होगी, जो अब तक एक दूसरे से जुड़ी दुनिया में कभी नहीं हुई है. इससे बड़े पैमाने पर इंटरनेट ठप हो जाएगा. उन्होंने 1859 में कैरिंगटन घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि, उस समय टेलीग्राफ लाइनों में स्पार्किंग हो गई थी और ऑपरेटरों को बिजली का झटका लगा था.

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1989 के सोलर स्टॉर्म ने क्यूबेक पावर ग्रिड को घंटों के लिए बंद कर दिया था. प्रोफेसर ज्योति ने कहा, 'हमनें कभी भी किसी एक्सट्रीम घटना का अनुभव नहीं किया है और हम नहीं जानते कि हमारा बुनियादी ढांचा इस पर कैसे प्रतिक्रिया देगा. हमारी विफलता परीक्षण में ऐसी स्थितियां शामिल नहीं हैं.'

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इंटरनेट अपाकलिप्स जैसे टर्म की लोकप्रियता बढ़ने में प्रोफेसर संगीता अब्दु ज्योति का रिसर्च पेपर 'सोलर सुपर स्ट्रॉम्स: प्लानिंग फॉर एन इंटरनेट अपाकलिप्स' की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. प्रोफेसर ज्योति ने कहा, एक भीषण सोलर तूफान से इंटरनेट का इंफ्रास्ट्रक्चर प्रभावित हो सकता है, जैसे समुद्र के नीचे बिछे संचार केबल, जो लंबी दूरी की कनेक्टिविटी को बाधित कर सकता है.

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