Delhi Pollution Viral Video: सोशल मीडिया पर इन दिनों दिल्ली और आस-पास के इलाकों में फैली भयंकर धुंध से जुड़े कई वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिसमें बिल्डिंग से लेकर कई घर धुंध में गायब होते नजर आ रहे हैं. इन दिनों राजधानी दिल्ली और उसके आस-पास के इलाके भयंकर वायु प्रदूषण की चपेट में आ चुके हैं. नेशनल कैपिटल रीजन (NCR) के शहरों, जैसे कि गुड़गांव, फरीदाबाद और नोएडा में भी हालात बेहद खराब हैं. हवा इतनी जहरीली हो गई है कि लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो रही है. सुबह के वक्त सूरज का दिखना लगभग नामुमकिन हो गया है. आलम ये है कि, झुग्गी-झोपड़ी से लेकर करोड़ों के फ्लैट तक, सब इस घने धुंध की चादर में ढक गए हैं. इसी को लेकर एक शख्स ने 100 करोड़ के फ्लैट का वीडियो पोस्ट करते हुए एक कैप्शन लिखा है, जो इन दिनों खूब वायरल हो रहा है.
सांस लेना हुआ मुश्किल, हर तरफ छाई धुंध
सोशल मीडिया पर लोग धुंध की तस्वीरें और वीडियो शेयर कर रहे हैं. दिल्ली की सड़कों और आसमान का हाल देखकर लोग गहरी चिंता जता रहे हैं. एक यूजर ने 100 करोड़ के फ्लैट का वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, "प्रदूषण सबको बराबर करता है." इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर खूब ध्यान खींचा है. कई लोगों ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, अमीर और गरीब, दोनों को ही इस जहरीली हवा से जूझना पड़ रहा है.
सोशल मीडिया पर प्रदूषण को लेकर मचा हड़कंप
वायरल हो रही इस पोस्ट पर तमाम यूजर्स प्रतिक्रिया दे रहे हैं. एक यूजर ने लिखा, 100 करोड़ के फ्लैट वाले तो दुबई या गोवा चले गए हैं. जहर तो गरीब ही पी रहे हैं. दूसरे यूजर ने लिखा, प्रकृति सभी सामाजिक और आर्थिक बाधाओं से परे है. तीसरे यूजर ने लिखा, अगर मुझे यह हवा ही पीनी है, तो मैं 100 करोड़ के फ्लैट में पीऊंगा.
पराली जलाना और बढ़ते वाहन प्रदूषण बने जिम्मेदार
दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण के लिए मुख्य रूप से पराली जलाना, वाहनों से निकलने वाला धुआं और निर्माण कार्यों से फैलने वाली धूल जिम्मेदार है. इस घनी धुंध ने ना सिर्फ जीवन को मुश्किल बना दिया है, बल्कि स्वास्थ्य पर भी गंभीर खतरे खड़े कर दिए हैं. डॉक्टरों का कहना है कि, वायु गुणवत्ता इंडेक्स (AQI) के खतरनाक स्तर पर पहुंचने से फेफड़ों से जुड़ी बीमारियां तेजी से बढ़ सकती हैं.
"प्रदूषण के खिलाफ सभी को कदम उठाने होंगे"
इस संकट में सरकार और जनता दोनों को साथ मिलकर काम करना होगा. दिल्ली की यह समस्या सिर्फ प्रशासन की नहीं, बल्कि हर नागरिक की है. प्रदूषण को रोकने के लिए गाड़ियों का कम इस्तेमाल, कचरा जलाने पर रोक और पेड़ लगाने जैसे कदम उठाने की सख्त जरूरत है.
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