वैज्ञानिकों ने खोजा दुनिया का 8वां महाद्वीप, 375 वर्षों के बाद मिली यह जगह, देखें तस्वीर

ज़ीलैंडिया मूल रूप से गोंडवाना के प्राचीन महाद्वीप का हिस्सा था, जो लगभग 550 मिलियन वर्ष पहले बना था और अनिवार्य रूप से दक्षिणी गोलार्ध की सभी भूमि को एक साथ मिला दिया था।

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Zealandia Discovered As 8th Continent: एक हैरान कर देने वाले मामले ने पूरी दुनिया में तहलका मचा दिया है. दरअसल, वैज्ञानिकों ने 8वां महाद्वीप को खोज कर सबको हैरान कर दिया है. बचपन से ही हम पढ़ते आ रहे थे कि धरती पर सिर्फ 7 ही महादेश या महाद्वीप हैं, मगर अब इसकी संख्या 8 है.  Phys.org की रिपोर्ट की माने तो यह 375 वर्षों से लुप्त था. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस महाद्वीप का नाम जीलैंडिया (Zealandia) रखा गया है. हालांकि यहां 94 प्रतिशत पानी. यहां इंसानों का जाना मुश्किल है.

Phys.org वेबसाइट के अनुसार, न्यूजीलैंड, जीलैंडिया का सबसे बड़ा हिस्सा है जो समुद्र तल से ऊपर है, इसके बाद न्यू कैलेडोनिया है. ऐसा कहा जाता है कि इसकी खोज सबसे पहले 1642 में डच व्यापारी और नाविक एबेल तस्मान ने की थी. हालांकि 2017 में वैज्ञानिकों ने इसके अस्तित्व की पुष्टि की. यहां आम इंसान नहीं रह सकते हैं. यहां पानी का प्रभाव ज्यादा है, जिसके कारण आमलोगों का रहना मुश्किल है.

सैटेलाइट इमेज से जानकारी मिली है कि जीलैंडिया ऑस्ट्रेलिया के आकार का है. लगभग 23 मिलियन साल पहले, जीलैंडिया का भूभाग पूरी तरह से जलमग्न हो गया होगा. आज, अधिकांश भूभाग (94%) प्रशांत महासागर के नीचे डूबा हुआ है.

बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, जीलैंडिया 1.89 मिलियन वर्ग मील (4.9 मिलियन वर्ग किमी) का एक विशाल महाद्वीप है, यह मेडागास्कर से लगभग छह गुना बड़ा है. वैज्ञानिकों की टीम ने बताया कि वास्तव में 8 महाद्वीप हैं- और नवीनतम जोड़ ने दुनिया में सबसे छोटे, सबसे पतले और सबसे युवा होने के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं.

ज़ीलैंडिया मूल रूप से गोंडवाना के प्राचीन महाद्वीप का हिस्सा था, जो लगभग 550 मिलियन वर्ष पहले बना था और अनिवार्य रूप से दक्षिणी गोलार्ध की सभी भूमि को एक साथ मिला दिया था.

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