सूडान में 1,300 साल पहले दफनाए गए एक शख्स के शरीर पर ईसाई टैटू मिला है. टैटू के मालिक को उत्तरी सूडान में नील नदी के तट से 9.3 मील (15 किमी) दूर स्थित ग़ज़ाली मठ में दफनाया गया था और संभवतः वह समुदाय में रहने वाले भिक्षुओं में से एक था. डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक पर्ड्यू विश्वविद्यालय के पुरातत्वविदों ने अनजाने में पैर के टैटू (Ancient Christian tattoo discovered) की खोज की, जो ईसा मसीह के नाम को संदर्भित वाले चिन्हों को दिखाता है.
यह मध्ययुगीन सूडान से खोजे गए टैटू (Tattoo with ancient message) का केवल दूसरा उदाहरण है, जो उस समय न्युबियन राज्यों का हिस्सा था. डॉ. रॉबर्ट स्टार्क (जो ग़ज़ाली अवशेषों के जैव पुरातत्व अध्ययन का नेतृत्व कर रहे हैं) ने मेल ऑनलाइन को बताया कि, यह एक पर्सनल टैटू था, जो संभवतः आध्यात्मिक यात्रा का प्रतीक था.
टैटू (Tattoo) में 'क्रिस्टोग्राम' नाम का एक प्रतीक शामिल है, जो ग्रीक अक्षरों 'ची' और 'रो' को मिलाकर एक मोनोग्राम बनाता है, जो ईसा मसीह के नाम के संक्षिप्त रूप को बताता है. इसमें अल्फा और ओमेगा अक्षर भी शामिल हैं. ग्रीक वर्णमाला के पहले और आखिरी अक्षर- ईसाई धर्म की मान्यता के मुताबिक, ये सभी चीजों की शुरुआत और अंत है. डॉ. स्टार्क का कहना है कि, 'इन प्रतीकों का इस्तेमाल लंबे समय से ईसाई धर्म के प्रतिनिधि के रूप में किया जाता था, अल्फा और ओमेगा को रोमन सम्राट कॉन्सटेंटाइन ने लगभग 300 ईस्वी में पेश किया था.'
उन्होंने आगे कहा कि, 'टैटू (Rare Christian Tattoo) को इस तरह डिज़ाइन किया गया था, जो उस शख्स को ही समझ आए, इसे सार्वजनिक रूप से दिखाने के लिए नहीं बनाया गया था.'