पीरियड्स के दौरान महिलाओं को कई परेशानियों से गुजरना पड़ता है. इन सबके बावजूद महिला अपने दैनिक कार्य करते हैं. घर में रहने वाली महिला तो किसी तरह से आराम कर लेती हैं, मगर कामकाजी महिलाओं के साथ दिक्कत होती है. गुरुग्राम स्थित Prag नाम की संस्था ने अपने पांचवीं स्थापना दिवस के मौके पर एक बहुत ही बेहतरीन ऐलान किया है. संस्था मेंस्टुअल लीव देने वाली संस्थाओं को नि:शुल्क पीआर सेवा देने की घोषणा की है. सोशल मीडिया पर इसके संस्थापक ने घोषणा की, जो वायरल हो रहा है.
महिला सशक्तिकरण के तौर पर देखा जाने वाला यह फैसला बहुत ही बेहतरीन है. 2018 में ही कंपनी ने पेड मेंस्टुअल लीव देने के पक्ष में है. 2018 #Right2Rest नाम का कैंपेन चलाया जा रहा है. कंपनी का मानना है कि महिलाओं को ऐसी छुट्टियां मिलनी चाहिए, ताकि वो आराम कर सकें.
देखा जाए तो विश्व के कई ऐसे देश हैं, जो मासिक धर्म के समय महिलाओं को पेड लीव देने के पक्ष में हैं. उदाहरण के तौर पर दक्षिण कोरिया ने 2001 में वेतन के साथ मासिक अवकाश दिया और 2016 में चीन ने भी महिला कर्मचारियों को हर महीने दो दिन की छुट्टी लेने के अधिकार को मंजूरी दी. यूके, जापान, ताइवान, इंडोनेशिया, स्पेन और जाम्बिया भी पहने से किसी ने किसी रूप में मासिक धर्म पीड़ा अवकाश देता.
भारत में बिहार सबसे पहला राज्य है
देखा जाए तो मौजूदा दौर में बिहार एक ऐसा राज्य है जो 1992 की नीति के तहत महिलाओं को विशेष मासिक धर्म दर्द अवकाश प्रदान करता है.