मिलिए 'छोटू चायवाले' से, 8वीं तक पढ़ा है, किताबें लिखता है, शायरी सुनाता है

चाय इस देश की पहचान है. इसे हर मौके पर बड़े ही चाव से लोग पीते हैं. भारत के हर गल्ली, नुक्कड़, मुहल्ले पर ये बहुत ही आसानी से मिल जाती है. यूंं तो चाय बेचने वालों की कई कहानियां मौजूद हैं.

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चाय (Tea Lovers) इस देश की पहचान है. इसे हर मौके पर बड़े ही चाव से लोग पीते हैं. भारत के हर गल्ली, नुक्कड़, मुहल्ले पर ये बहुत ही आसानी से मिल जाती है. यूंं तो चाय बेचने वालों की कई कहानियां मौजूद हैं. चाय बेचकर इंसान पीएम (Story of Chotu Chaiwala) बन जाता है, तो कोई इंसान चाय बेचकर एमबीए चायवाला बन जाता है. आज हम आपको एक ऐसे साधारण शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जो चाय बेचने के अलावा अच्छी शायरी और ग़ज़ल भी लिखते हैं. उन्होंने तीन किताबें भी लिखी हैं, दुर्भाग्य से ये किताबें पब्लिश नहीं हुई हैं. इस शख्स का नाम चिराग़ राही है. ये बचपन से ही चाय बनाते हैं. आइए इनकी कहानी को एक वीडियो के ज़रिए जानते हैं.

देखें वीडियो

वीडियो में देखा जा सकता है कि छोटू चायवाले कैसे अपनी शायरी के ज़रिए लोगों को चाय पिलाकर मनोरंजित करते हैं. 2 साल की उम्र में ही ये दिल्ली आ गए थे. तब से लेकर अबतक ये चाय बना रहे हैं. इनकी दुकान दिल्ली के मयूर विहार फेस 1 मेट्रो स्टेशन के पास मौजूद पीर वाली गली में स्थित है. इस जगह देश के जाने-माने लोग चाय पीते हैं. 

छोटू चायवाले बहुत दो तरह की चाय बनाते हैं. इलायची वाली और अदरक वाली. अपने कस्टमर का बहुत ही अच्छे से ध्यान भी रखते हैं. छोटू चायवाले से पहले इनके पिता ये दुकान चलाते थे. देखा जाए तो करीब 50 साल से ज़्यादा पुरानी दुकान है.

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छोटू चायवाले उर्फ चिराग राही बताते हैं कि उन्होंने 8वीं तक ही पढ़ाई की है. इसके बावजूद उन्हें लिखने का बहुत ही ज़्यादा शौक है. सवेरे 5 बजे से लेकर रात 10 बजे तक अपनी दुकान पर मौजूद रहते हैं. इसी बीच समय निकालकर लिखते हैं.

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