महिला शक्ति धीरे-धीरे हर क्षेत्र में पुरुषों के वर्चस्व को चुनौती रही है. महिलाएं अब उन कामों में भी काफी आगे आ रही हैं जो अब तक केवल पुरुषों के करने लायक ही समझे जाते थे. इसी का उदाहरण है महाराष्ट्र के कल्याण गुड्स यार्ड में मालगाड़ियों की जांच के लिए नियुक्त की गई नयी महिला टीम. रेल मंत्री पीयूष गोयल (railway minister Piyush Goyal) ने इस विषय में एक ट्वीट के जरिये जानकारी दी है कि महाराष्ट्र के कल्याण गुड्स यार्ड में एक महिला टीम का गठन किया गया है. अब तक रेलवे के भारी कामों के लिए अधिकांशतः पुरुषों की नियुक्ति ही होती आई है. खासकर मालगाड़ी से जुड़े अधिकतर कामों में पुरुष टीम ही नियुक्त की जाती रही है.
पीयूष गोयल ने अपने ट्वीट में लिखा है कि "नारी शक्ति: महाराष्ट्र के कल्याण गुड्स यार्ड में मालगाड़ियों की सघन जांच के लिए महिला टीम का गठन किया गया है.
टीम को अंडर गियर जांच, एयर ब्रेक टेस्टिंग, अंडर फ्रेम, साइड पैनल, और ऑन रैक अटेंशन के लिए तैनात किया गया है."
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रेलवे में भारी कामों के लिए अब तक पुरुषों की नियुक्ति होती आई है, महिलाओं को इस तरह के कामों के लिये बहुत कम नियुक्ति मिली है, और ऐसा पहली बार हो रहा है कि पूरी टीम में सिर्फ महिलाएं हों.
पश्चिम रेलवे 2016 से ही महिलाओं को हेवी ड्यूटी में नियुक्ति देकर उनकी सहभागिता बढ़ा रहा है. 2016 में पहली बार उदिता वर्मा को सहायक लोको पायलट के रूप में नियुक्ति दी गई थी. 2021 में पहली बार वसई स्टेशन पर एक इतिहास बना जब एक पूरी मालगाड़ी को लेकर महिला स्टाफ स्टेशन पर पहुंचा.
इस तरह एक पूरी महिला टीम की नियुक्ति हो गई और 2021 में ही कल्याण स्टेशन पर मालगाड़ियों की जांच के लिए एक पूरी टीम नियुक्त कर दी गई.
रेल मंत्री ने अपने ट्वीट के साथ एक वीडियो भी शेयर किया है जिसमें एक महिला अप्रेंटिस ट्रेन के नीचे उसकी जांच करती नजर आ रही है. जाहिर है कि महिलाओं की भागीदारी और सक्रियता लगातार बढ़ रही जिसे एक अच्छा संकेत माना जा सकता है.