पाकिस्तान की प्रेम गली में मोहब्बत की बौछार, 92 साल की रीना वर्मा 75 साल बाद पहुंची अपने पुश्तैनी घर

पुणे की रहने वाली रीना वर्मा अपने दिलो-दिमाग में बंटवारे के ज़ख्म और दर्द को आज भी संजोए हुए रखा है. 75 साल बाद भी वे रावलपिंडी (Rawalpindi)  की प्रेम गली में स्थित अपने पुश्तैनी घर को भूल नहीं पाई हैं. पिछले दिनों रीना पाकिस्तान की उसी प्रेम गली पहुंच गई जहां उन्होंने बचपन के चंद वर्ष बिताए थे.

विज्ञापन
Read Time: 23 mins
92 साल की रीना वर्मा 75 साल बाद पाकिस्तान स्थित अपने पुश्तैनी घर पहुंची

पाकिस्तान (Pakistan) का यह मरी हिल स्टेशन (Murree Hill Station) अपनी खूबसूरत वादियों के लिए मशहूर है. आज इन वादियों में खट्टी-मीठी याद लेकर घूम रही हैं भारत की 92 साल की रीना वर्मा (Reena Verma) . आज सबेरे रीना वर्मा मरी के GPO Mall Road पहुंची. वहां आए हुए तमाम पर्यटक उनके साथ सेल्फी लेने लगे. रीना ने बचाया कि वे गर्मियों की छुट्टी में मरी आया करती थीं. रीना की पाकिस्तान यात्रा की चर्चा वहां की मीडिया में काफी चल रही है. रीना वर्मा की इस यात्रा को लेकर पाकिस्तानी पत्रकार मोहम्मद शाबान ने ट्वीट किया है.  

पुणे की रहने वाली रीना वर्मा अपने दिलो-दिमाग में बंटवारे (Partition) के ज़ख्म और दर्द को आज भी संजोए हुए रखा है. 75 साल बाद भी वे रावलपिंडी (Rawalpindi)  की प्रेम गली में स्थित अपने पुश्तैनी घर को भूल नहीं पाई हैं. पिछले दिनों रीना पाकिस्तान की उसी प्रेम गली पहुंच गई जहां उन्होंने बचपन के चंद वर्ष बिताए थे.रीना जब अपने पुश्तैनी घर प्रेम हाउस पहुंची तो लोगों ने ढ़ोल बजाकर उनका स्वागत किया. गुलाब की पंखुड़ियां की बारिश के बीच उन्हें प्रेम हाउस ले जाया गया. लोगों के इस प्यार और पुरानी यादों के बोझ तले रीना की आंखे भर आई.

Advertisement
Advertisement

दरअसल इस गली का नाम रीना वर्मा के पिता प्रेम चंद के नाम पर पड़ा था. एक-एक कर सारी पुरानी यादें ताजा होने लगी. कुछ भी नहीं बदला है. वो प्रेम हाउस की बालकोनी में भी काफी देर तक खड़ी रहीं. उसके बाद उनको छत पर भी ले जाया गया जहां वो अपनी सहेलियों – फातिमा और आबिदा -- के साथ खेला करती थी. रावलपिंडी के मशहूर गोल-गप्पे और समोसा-चाट लेकर उनके पड़ोसी आए.

Advertisement

इस मौके पर रीना छिब्बर ने कहा कि दोनों ही हमसाया मुल्क हैं और यहां के नौजवानों को आपस में संवाद बढ़ाना चाहिए. उन्होंने कहा कि बंटवारे के दर्द और याद को दिलो-दिमाग में रखने वाले लोगों की तादाद अब बहुत कम है और ये एक मौका है जब दोनों देश को एक नई शुरूआत करनी चाहिए.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Maharashtra Politics: क्या Fadnavis और Shinde में है अनबन? Sanjay Raut का बड़ा दावा
Topics mentioned in this article