OMG : दिल्ली विश्वविद्यालय के रिसर्चर को मिला डायनासोर का दुर्लभ ‘‘अंडा’’, जीवाश्म इतिहास में पहली बार खोज हुई

मध्य भारत को लंबे समय से डायनासोर के जीवाश्मों के लिए जाना जाता है. लेखकों ने बाग शहर के नजदीक पडल्या गांव के पास टाइटानोसॉरिड सौरोपोड प्रजाति के डायनासोर के घोंसलों का पता लगाया है और इन्ही घोंसलों के अध्ययन के दौरान अनुसंधानकर्ताओं को इस असमान्य अंडे की जानकारी मिली.

विज्ञापन
Read Time: 20 mins

दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) के अनुसंधानकर्ताओं (Researcher) की टीम को मध्य प्रदेश से डायनासोर का दुर्लभ अंडा मिला है जिसके भीतर एक और अंडा है. यहां जारी बयान में यह जानकारी दी गई और दावा किया गया कि संभवत: जीवाश्म इतिहास में पहली बार ऐसी खोज हुई है. अनुसंधानकर्ताओं के मुताबिक यह खोज ‘‘ दुर्लभ और अहम है'' क्योंकि अबतक सरीसृपों के ‘अंडे में अंडा' नहीं मिला था. इस खोज को जर्नल साइंटिफिक रिपोर्ट्स के नवीनतम संस्करण में प्रकाशित किया गया है. (Researchers Discover "Abnormal" Dinosaur Egg In Madhya Pradesh. It Offers New Insights)

उन्होंने बताया कि यह असामान्य टाइटानोसॉरिड डायनासोर का अंडा मध्यप्रदेश के धार जिले के बाग इलाके में प्राप्त हुआ और यह समझने में सहायक हो सकता है कि क्या डायनासोर का प्रजनन जैव विज्ञान कछुओं, छिपकलियों या मगरमच्छ और पक्षियों जैसा था जो उनके करीबी हैं.

मध्य भारत को लंबे समय से डायनासोर के जीवाश्मों के लिए जाना जाता है. लेखकों ने बाग शहर के नजदीक पडल्या गांव के पास टाइटानोसॉरिड सौरोपोड प्रजाति के डायनासोर के घोंसलों का पता लगाया है और इन्ही घोंसलों के अध्ययन के दौरान अनुसंधानकर्ताओं को इस असमान्य अंडे की जानकारी मिली.

Advertisement

बयान के मुताबिक अनुसंधानकर्ताओं को सौरोपोड डायनासोर के घोसले में इस असामान्य अंडे सहित कुल 10 अंडे मिले. असामान्य अंडे में दो परत एक के ऊपर कुछ अंतर के साथ थीं. इस अंडे और घोंसले में मिले अन्य अंडो का सूक्ष्म ढांचा समान था और इनकी पहचान टाइटानोसॉरिड सौरोपोड डायनासोर के अंडों के तौर पर की गई.

Advertisement

बयान के मुताबिक इससे पहले डायनासोर के इस तरह अंडे में अंडे नहीं मिले थे.

डीयू के अनुसंधानकर्ता और अनुसंधान पत्र के मुख्य लेखक डॉ. हर्ष धीमान ने कहा, ‘‘टाइटानोसॉरिड के घोसले से अंडे के भीतर अंडा मिलने से इसकी संभावना बढ़ गई है कि सौरोपोड डायनासोर के ‘डिंबवाहिनी' (ओविडक्ट) की बनावट मगरमच्छों और पक्षियों के समान थी और उन्होंने संभवत: पक्षियों की तरह अंडे देने का तरीका विकसित किया.''
 

Advertisement
Featured Video Of The Day
Mumbai में परीक्षा से 1 दिन पहले 300 से ज्यादा छात्र अटेंडेंस डिफाल्टर | City Center | NDTV India