केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक स्पष्टीकरण में कहा है कि ई-सिगरेट और इसी तरह के उपकरणों को किसी भी रूप या मात्रा में रखना इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट निषेध अधिनियम (पीईसीए) 2019 का उल्लंघन है. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि यह स्पष्टीकरण पिछले महीने नागरिक उड्डयन मंत्रालय को भेजा जा चुका है, जिससे प्रतिबंध के कार्यान्वयन को मजबूती मिलेगी.मंत्रालय ने कहा कि हालांकि, पीईसीए में ई-सिगरेट के व्यक्तिगत उपयोग पर प्रतिबंध का कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं है, लेकिन ई-सिगरेट के उत्पादन, निर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, बिक्री, वितरण, भंडारण और विज्ञापन पर रोक लगाने के लिए कानून बनाया गया है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के उप सचिव डॉ पुलकेश कुमार ने कहा, ‘‘इसलिए, पीईसीए, 2019 के प्रावधानों का उल्लंघन किए बिना देश के भीतर किसी भी मात्रा में ई-सिगरेट रखना संभव नहीं है.'' प्रतिबंध में ई-हुक्का और इसी तरह के उपकरणों पर रोक शामिल है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि यह कानून सार्वजनिक स्वास्थ्य के हित में और लोगों को नुकसान से बचाने के लिए बनाया गया है. भारी जुर्माने और कारावास के प्रावधान बावजूद ई-सिगरेट तंबाकू विक्रेताओं, जनरल स्टोर और ऑनलाइन मंचों सहित विभिन्न स्रोतों में व्यापक रूप से उपलब्ध होने की सूचना है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने पीईसीए के तहत उल्लंघनों के बारे में सूचित करने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल भी शुरू किया है.युवाओं के बीच ई-सिगरेट के इस्तेमाल में व्यापक बढ़ोतरी को लेकर सरकार ने भी चिंता जताई है.
मई में, मंत्रालय ने अधिनियम के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया था. बाद में जुलाई में मंत्रालय ने ई-सिगरेट बेचने वाली 15 वेबसाइट को नोटिस भेजकर ऐसे उत्पादों का विज्ञापन और बिक्री बंद करने को कहा था.
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