एक नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट (एनआईसीयू) (Neonatal Intensive Care Unit) की नर्स (nurse) ने जब अपनी एक मरीज को देखा, जो 14 साल की उम्र में ही समय से पहले तीन बच्चों की मां बन गई थी, जिसे अपने बच्चों की देखभाल के लिए बहुत सी परेशानियों का सामना कर पड़ा रहा था. इस डर से कि उन सभी को फॉस्टर केयर (foster care) के लिए भेजा जाएगा और अलग कर दिया जाएगा, उसने उन सभी को अपने साथ घर ले जाने और उन्हें अपना बनाकर पालने का फैसला किया.
द वाशिंगटन पोस्ट ने बताया, इंडियानापोलिस में कम्युनिटी हॉस्पिटल नॉर्थ में काम करने वाली एक नर्स कैटरीना मुलेन (Katrina Mullen) को दो बीमार बच्चियों और एक लड़के के साथ एक 14 साल की शरिया स्मॉल (Shariya Small) को सौंपा गया था, मुलेन खुद पहले से ही पांच बच्चों की सिंगल मदर थीं और 16 साल की उम्र में एक टीनएज मॉम बन गई थीं.
पोस्ट के अनुसार मुलेन ने स्मॉल को बताया, "मैं इस बात को बहुत अच्छे से समझती हूं कि कम उम्र में गर्भवती होना कितना डरावना है, अगर तुमको किसी चीज की जरूरत है, अगर तुमको कोई भी बात करने की जरूरत है, तो मैं यहां तुम्हारे साथ हूं."
द पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त 2020 में जन्म के बाद पांच महीनों तक बच्चे- सेरेनाइटी, समरी और सरायाह अस्पताल में थे, इस दौरान मुलेन और स्मॉल के बीच एक मजबूत रिश्ता बन गया. जनवरी 2021 में बच्चों के डिस्चार्ज होने के बाद भी, स्मॉल ने बच्चे के पालन-पोषण में मदद के लिए मुलेन को फोन करना जारी रखा.
मुलेन, स्मॉल से मिलने भी गईं, जो लगभग एक घंटे की दूरी पर एक रिश्तेदार के घर में रह रही थी, और यह देखकर दुखी हो गई कि बच्चों को वहां अच्छी देखभाल नहीं मिल पा रही है, और स्मॉल एक सोफे पर सोती है.
कुछ ही समय बाद, मुलेन को चाइल्ड प्रोटेक्टिव सर्विसेज से सूचना मिली कि स्मॉस और उसके बच्चों को फॉस्टर केयर सिस्टम में रखा जाएगा और अलग कर दिया जाएगा. द पोस्ट के अनुसार मुलेन को यह भी सूचित किया गया था कि स्मॉल ने कहा था कि वह उसके साथ रहना चाहती है.
इसलिए स्मॉल और उसके परिवार को फॉस्टर केयर सिस्टम में अलग करने के बजाय, मुलेन ने स्मॉल और उसके तीन बच्चों को अपने साथ घर ले जाने और उनकी परवरिश करने का फैसला किया. द पोस्ट के अनुसार, 9 अप्रैल, 2021 को, वह उन्हें अपने घर ले गई, जिन्हें अब वह अपने 8, 15 और 16 साल के बेटों के साथ पाल रही हैं.
मुलेन ने कहा, "मैंने इसके बारे में सोचा भी नहीं था." उसने पोस्ट को बताया, "मेरे जानने वालों को लगने लगा कि मेरा दिमाग खराब हो गया है और शायद ऐसा ही हो रहा था, लेकिन मैं मां और बच्चों को अलग नहीं होने दे सकती थी."
द पोस्ट के अनुसार, इस साल 6 फरवरी को, मुलेन ने औपचारिक रूप से स्मॉल को अपनी बेटी के रूप में अपना लिया और तीनों बच्चों की नानी बन गईं.
उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट के कैप्शन के साथ अपने बड़े परिवार को दिखाया था: "ये एडॉप्शन डे है !!! अब हम हमेशा के लिए परिवार हैं."
मुलेन ने एक GoFundMe भी शुरू किया है जो उनकी बेटी के लिए "वित्तीय मदद" करता है.
गोंडा: गरीब बच्चों के लिए पेड़ के नीचे चलती है 'सिपाही सर' की पाठशाला
Helplines | |
---|---|
Vandrevala Foundation for Mental Health | 9999666555 or help@vandrevalafoundation.com |
TISS iCall | 022-25521111 (Monday-Saturday: 8 am to 10 pm) |
(If you need support or know someone who does, please reach out to your nearest mental health specialist.) |