अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने कहा कि मंगल (Mars) ग्रह पर जीवन का पता लगाने के अभियान में साक्ष्य जुटाने के लिए पर्सविरन्स रोवर (NASA's Perseverance rover) ग्रह की सतह पर गुरुवार (18 फरवरी, 2021) को उतर गया है. वहां अब ये रोवर प्राचीन माइक्रोबियल काल में जीवन के संकेतों की खोज के अपने मिशन पर जुट जाएगा. नासा पर्सविरन्स रोवर के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट ने ग्रह की सतह की एक ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीर साझा की. जिसमें लिखा, "नमस्ते दुनिया, मेरे हमेशा के घर से मेरी पहली तस्वीर."
इसके बाद जेज़ेरो क्रेटर की एक और छवि थी - एक लंबे समय से गायब मार्टियन झील के बिस्तर की छवि जिसमें रोवर उतरा.
इसके बाद तो जैसे सोशल मीडिया पर मीम्स की बाढ़ सी आ गई, लोगों ने 'पर्सविरन्स' रोवर मंगल ग्रह पर उतरने के बाद मजेदार मीम्स और जोक्स शेयर करने शुरु कर दिए.
बता दें कि रोवर को किसी ग्रह की सतह पर उतारना अंतरिक्ष विज्ञान में सबसे जोखिम भरा कार्य होता है.नासा की पासाडेना, कैलिफोर्निया स्थित जेट प्रणोदन प्रयोगशाला में ‘ पर्सविरन्स ' को लाल ग्रह की सतह पर उतारने को लेकर हलचल है. छह पहिए वाला यह उपकरण मंगल ग्रह पर उतरकर जानकारी जुटाएगा और ऐसी चट्टानें लेकर आएगा जिनसे इन सवालों का जवाब मिल सकता है कि क्या कभी लाल ग्रह पर जीवन था.
वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर कभी मंगल ग्रह पर जीवन रहा भी था तो वह तीन से चार अरब साल पहले रहा होगा, जब ग्रह पर पानी बहता था. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि रोवर से दर्शनशास्त्र, धर्मशास्त्र और अंतरिक्ष विज्ञान से जुड़े कई मुख्य सवाल का जवाब मिल सकता है. इस परियोजना के वैज्ञानिक केन विलिफोर्ड ने कहा, ‘‘क्या हम इस विशाल ब्रह्मांड रूपी रेगिस्तान में अकेले हैं या कहीं और भी जीवन है? क्या जीवन कभी भी, कहीं भी अनुकूल परिस्थितियों की देन होता है?''
‘पर्सविरन्स' नासा द्वारा भेजा गया अब तक का सबसे बड़ा रोवर है. 1970 के दशक के बाद से अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी का यह नौवां मंगल अभियान है. नासा के वैज्ञानिकों ने कहा कि रोवर को मंगल की सतह पर उतारने के दौरान सात मिनट का समय सांसें थमा देने वाला था.