हजारों की भीड़, हर गले में सांप : बिहार के इस मेले में ये क्या हो रहा... जहां पूजे जाते हैं नाग

मेले में देखा जा सकता है कि बच्चे से लेकर युवा तक अपने गले में सांपों को बहुत ही आसानी से लेकर घूम रहे हैं, उनके साथ खेल रहे हैं. ( बिहार के समस्तीपुर से अविनाश कुमार की रिपोर्ट)

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नई दिल्ली:

सांप के बारे में जब भी हम सोचते हैं तो हम डर भी जाते हैं. कारण भी स्पष्ट है, सांप काफी खतरनाक और जहरीला होता है, मगर बिहार के समस्तीपुर जिले में लोग खतरनाक सांपों को गले में डालकर घूम रहे हैं. इनके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हो रहे हैं. जानकारी के मुताबिक, समस्तीपुर जिले के विभूतिपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत सिंघियाघाट में आज नागपंचमी पर एक ऐसा मेला लगा, जिसे देखकर आप हैरान रह जाएंगे.  मेले में देखा जा सकता है कि बच्चे से लेकर युवा तक अपने गले में सांपों को बहुत ही आसानी से लेकर घूम रहे हैं, उनके साथ खेल रहे हैं.

नागपंचमी के मौके पर भगत राम सिंह सहित कई अन्य लोग माता विषहरी का नाम लेते हुए दर्जनों सांपों के साथ खेल रहे हैं. इस मेले में सभी लोग अपने गले में सांपों को रखे हुए हैं.

यहां पूजा करने के लिए समस्तीपुर जिले के अलावा खगड़िया, सहरसा, बेगूसगू राय, मुजफ्फरपुर जिले के भी लोग आते हैं. 

सैकड़ों की संख्या में भगत हाथ में सांप लिए बूढ़ी गंडक नदी के सिंघियाघाट पुल घाट पहुंचकर सांप निकाला. साथ ही साथ पूजा भी की. यहां की मान्यता के अनुसार, विषधर माता सभी की इच्छाएं पूरी करती हैं.

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पूजा करने के बाद सांपों को जगल में छोड़ दिया जाता है.

स्थानीय लोगों ने बताया कि यह मेला मिथिला का प्रसिद्ध मेला है. यहां नाग देवता की पूजा की सैकड़ों साल से चली आ रही है. यह परंपरा विभूतिपुर में आज भी जीवंत है. यहां मूलत: गहवरों में बिषहरा की पूजा होती है.

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यहां की श्रद्धालु महिलाएं अपने वंश वृद्धि की कामना को लेकर नागदेवता की विशेष पूजा करती हैं. महिलाएं नागों का वंश बढ़ने की भी कामना करती है. मन्नत पूरी होने पर नाग पंचमी के दिन गहवर में झाप और प्रसाद चढ़ाती है. लोगों का कहना है कि यहां मेले की शुरुआत सौ साल पहले से ही चली आ रही है.

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