क्या मोना लिसा की पेंटिंग में लियोनार्डो दा विंची ने उकेरा है इटली का शहर? एक जियोलॉजिस्ट के दावे से उठे सवाल

द गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार Pizzorusso ने दावा किया है कि मोना लिसा की पेंटिंग में नजर आ रहा बैकग्राउंड बहुत जबरदस्त तरीके से इटली के एक शहर से मेल खाता है.

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मोना लिसा की पेंटिंग से जुड़ी सामने आई खास बात

लियोनार्डो दा विन्ची (Leonardo da Vinci) की महान पेंटिंग मोना लिसा (Mona Lisa) अपने आप में कई रहस्य समेटे हुए है. खासतौर से मोना लिसा की स्माइल लोगों को अट्रेक्ट करती रही है और ये जताती रही है जैसे खुद में कोई राज छुपाए हुए हैं. अब इस पेंटिंग के लेंडस्केप पर जियोलॉजिस्ट और Renaissance art हिस्टोरियन Ann Pizzorusso ने अपनी राय रखी है. द गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार Pizzorusso ने दावा किया है कि मोना लिसा की पेंटिंग में नजर आ रहा बैकग्राउंड बहुत जबरदस्त तरीके से इटली के एक शहर से मेल खाता है. ये शहर है Lecco. जो उत्तरी इटली के लॉम्बार्डी रीजन में स्थित लेक कोमो के पास स्थिति है.

रॉक्स देखकर हुआ अंदाजा

Pizzorusso ने कुछ खास चीजों को पहचानने के बाद ये दावा किया है. जो उस शहर से मेल खाती हुई लगती हैं. Lecco शहर में मौजूद 14वीं सदी का Azzone Visconti Bridge, माउंटन रेंज, वहां का पूरा खुला एरिया, लेक गार्लेट जैसे स्थानों के लिए माना जाता है कि पांच सौ साल पहले खुद लियोनार्डो दा विंची उस जगह गए थे. हिस्टोरियन का दावा है कि इन जगहों को देखने के बाद पेंटिंग वाली जगह को देखकर एक होने का अहसास जरूर होगा. इस बात को लेकर खुद वो खासी उत्साहित हैं और इसे एक बड़ा ब्रेकथ्रू मान रही हैं.

जियोलॉजिकल एविडेंस को ध्यान में रखते हुए Pizzorusso का कहना है कि जो रॉक्स पेंटिंग में नजर आ रहे हैं, वो बिलकुल वैसे ही हैं जैसे लेक्को शहर में लाइमस्टोन से बनी चट्टाने हैं. इतना ही नहीं चित्रकार ने उन्हें उसी तरह के ग्रे और व्हाइट कलर में पेंटिंग में उकेरा भी है. द गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार Pizzorusso बहुत जल्द लेक्को में होने वाली जियोलॉजिकल कॉन्फ्रेंस में उसे रखने भी वाली हैं.

Pizzorusso का दावा

हिस्टोरियन का ये भी कहना है कि सिर्फ ब्रिज पर फोकस रखना ही काफी नहीं है. Pizzorusso के अनुसार इटली से लेकर पूरे यूरोप में इस तरह के आर्क ब्रिज बहुत ज्यादा हैं. सिर्फ ब्रिज को देखते हुए एक्जेक्ट लोकेशन का अंदाजा लगाना बहुत मुश्किल है. उनका कहना है कि सभी लोग ब्रिज के बारे में बात करते हैं लेकिन जियोलॉजी के बारे में कोई बात नहीं करता. जियोलॉजिस्ट पेंटिंग और आर्ट नहीं देखते और हिस्टोरियन्स जियोलॉजी नहीं देख रहे. उनका ये भी कहना है कि लियोनार्डो अपनी कल्पना के आधार पर चित्र बनाते थे, ये सही है. लेकिन दुनियाभर के किसी भी जियोलॉजिस्ट को लेक्को से जुड़ा मेरा दावा दिखा दीजिए. उन्हें भी दोनों में समानताएं नजर आएंगी.

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