अयोध्या में MBA रिक्शावाला, 80 हजार की नौकरी छोड़ चला रहे हैं ई-रिक्शा, जानिए इनकी दिलचस्प कहानी

अयोध्या में ई रिक्शा चला रहा एक शख्स इसकी मिसाल है. जो एमएनसी की नौकरी छोड़कर अयोध्या आया और अब राम की कृपा से अपनी तनख्वाह से कहीं ज्यादा रुपये कमा रहा है.

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'हो जिसे राम का भरोसा वो कभी भूखा मरता नहीं'- कहने को तो ये एक फिल्मी गाने की लाइन है. लेकिन असल जिंदगी में भी बिलकुल सच है, खासतौर से राम भक्तों के लिए जो उनके भरोसे भारी भरकम तनख्वाह वाली नौकरी छोड़कर अयोध्या का रुख कर रहे हैं. भगवान राम भी अपने ऐसे भक्तों को निराश नहीं कर रहे है. ऐसे या वैसे उनकी गाड़ी चल ही निकलती है. अयोध्या में ई रिक्शा चला रहा एक शख्स इसकी मिसाल है. जो एमएनसी की नौकरी छोड़कर अयोध्या आया और अब राम की कृपा से अपनी तनख्वाह से कहीं ज्यादा रुपये कमा रहा है.

छोड़ी अस्सी हजार रुपए की नौकरी

ये शख्स हैं भरत शर्मा. जो हैं तो राजस्थान के रहने वाले लेकिन अयोध्या में रह कर ई रिक्शा चला रहे हैं. भरत शर्मा ने बेंगलुरु की एमिटी यूनिवर्सिटी से एमबीए किया है. एमबीए करने के बाद उन्होंने दो तीन कंपनियों में काम भी किया. लेकिन दिन रात की नौकरी से मन नहीं भरा और राम की शरण में अयोध्या आ गए. जब भरत शर्मा ने ये काम चुना तब वो हर महीने अस्सी हजार रु. की तनख्वाह उठा रहे थे. लेकिन राम नाम की ताकत उनको और उनके परिवार को अयोध्या खींच लाई. अब पिता अयोध्या में ही दुकान चलाते हैं और वो ई रिक्शा चलाते हैं.

वेतन से ज्यादा की कमाई

एमबीए रिक्शा वाला के नाम से मशहूर हो चुके भरत शर्मा को अपने इस काम से कोई ऐतराज नहीं हैं. बल्कि वो इस काम के जरिए एक लाख रुपए से ज्यादा की कमाई कर रहे हैं. भरत शर्मा का कहना है कि स्कूल की बुकिंग से वो मंथली 8 से 9 हजार रु. कमाते हैं. उसके बाद वो अयोध्या दर्शन, नंदीग्राम, भरतपुर, फैजाबाद जैसी जगहों की बुकिंग लेते हैं. जिसकी वजह से उनकी आमदनी अच्छी हो जाती है. इसी के दम पर उनकी प्लानिंग है कि वो जल्द और ई रिक्शा खरीदेंगे. उनका मानना है कि आने वाले दिनों में अयोध्या में रोजगार के और भी अवसर पैदा होंगे.

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