Himachal leopard cub video: हिमाचल प्रदेश के कोटखाई थरोला के रहने वाले अंकुश चौहान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो में वह अपनी कार में एक तेंदुए के बच्चे को लेकर घूमते नजर आ रहे हैं. कार की खिड़की से बाहर झांकता और सीट पर खेलता यह मासूम शावक इंटरनेट का दिल जीत रहा है.
मदद की मंशा या गलती? (leopard cub car ride)
जानकारी के मुताबिक, अंकुश ने यह तेंदुआ शावक जंगल में पाया और खुद उसे थेओग के डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर (DFO) के पास पहुंचाया. एक एक्स (X) यूजर ने पोस्ट किया, अच्छा लगा देखकर कि अभी इंसानियत जिंदा है, वरना ऐसे दुर्लभ जानवरों को अक्सर दांत और खाल के लिए मार दिया जाता है.
लेकिन इस नेक मंशा की सबने तारीफ नहीं की. भारतीय वन सेवा के अधिकारी परवीन कासवान ने इस कदम को गलत ठहराया. उनका कहना था, यह दिखने में अच्छा और नेक लगता है, लेकिन सही तरीका नहीं है. बचाव (Rescue) अंतिम विकल्प होना चाहिए. पहले ऐसे जानवरों को वहीं सुरक्षित रखना चाहिए जहां वे मिले हों, ताकि उनकी मां आकर उन्हें ले जा सके.
वन अधिकारियों की सलाह (car me leopard cub)
अधिकारी ने आगे लिखा, हमारे पास पिछले कुछ सालों में ऐसे कई केस आए हैं. कभी भी मौके से सीधे बच्चे को न उठाएं. मां शायद उसे वहीं छोड़कर गई हो और रात में वापस लौटे. पहला लक्ष्य हमेशा पुनर्मिलन होना चाहिए. मां के बिना छोटे शावकों को पालना बेहद मुश्किल होता है.
सोशल मीडिया पर बहस (man rescues leopard cub)
वीडियो पर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आईं. एक यूजर ने लिखा, मुझे डर है कि अब सोशल मीडिया के लिए लोग जानवरों को जानबूझकर उठाने लगेंगे. एक अन्य ने कहा, प्रकृति को अपना रास्ता खुद तय करने देना चाहिए, इंसानी दखल आखिरी विकल्प होना चाहिए.
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