जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) से धारा 370 हटी तो संसद में लद्दाख (Ladakh) के सांसद जमयांग सेरिंग नमग्याल (Jamyang Tsering Namgyal) ने दमदार भाषण दिया और बिल का विरोध करने वालों की बोलती बंद कर दी. उनकी स्पीच को सुनकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) इतने खुश हुए कि उन्होंने ट्विटर पर जमयांग (Jamyang Tsering Namgyal) की तारीफ की और यूजर्स से उनके भाषण को सुनने को कहा. अमित शाह (Amit Shah) ने भी उनके भाषण को शेयर किया और तारीफ की. जिसके बाद लोगों ने फेसबुक पर उनको फेसबुक रिक्वेस्ट सेंड करना शुरू कर दिया. जिससे वो इतने परेशान हो गए कि फेसबुक पर पोस्ट लिखकर कहना पड़ा कि वो और फेसबुक रिक्वेस्ट एक्सेप्ट नहीं कर सकते हैं.
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जमयांग सेरिंग नमग्याल (Jamyang Tsering Namgyal) ने फेसबुक पोस्ट करते हुए लिखा- 'मैं और फेसबुक रिक्वेस्ट एक्सेप्ट नहीं कर सकते हैं. इसकी लिमिट सिर्फ 5 हजार ही है. इसलिए आप लाइक बटन दबाएं और मेरे ऑफीशियल पेज से जुड़े रहें.' मंगलवार को जमयांग ने बताया कि लद्दाख कई सालों से केंद्र शासित प्रदेश होने की मांग कर रहा था. 34 वर्षीय बीजेपी लीडर ने कहा- 'अगर लद्दाख अविकसित है, तो इसमें धारा 370 और कांग्रेस पार्टी जिम्मेदार है.'
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उन्होंने भाषण में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) और उमर अब्दुल्लाह (Omar Abdullah) को टारगेट किया. उन्होंने कहा- 'ये लोग पंचायत के चुनाव में गायब रहते हैं और पोस्ट लेने के लिए चुनाव लड़ने आ जाते हैं. उन्हें लगता है कि कश्मीर उनकी पैतृक संपत्ति है, लेकिन यह अब सच नहीं है.'
34 वर्षीय जमयांग सेरिंग नमग्याल (Jamyang Tsering Namgyal) ने अपना पॉलीटिकल करियर 2012 में शुरू किया था. वो लेह में भाजपा ऑफिस में केयरटेकर थे. सांसद बनने के बाद लोकसभा में उन्होंने दमदार भाषण दिया और लोगों की नजर में आ गए.
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जमयांग सेरिंग नमग्याल (Jamyang Tsering Namgyal) ने राजनीति की शुरुआत ग्राउंड लेवल से शुरू की. ANI से बात करते हुए उन्होंने कहा- 2012 में मैं जम्मू पहुंचा. वहां बीजेपी और उसकी विचारधारा के संपर्क में आया. मैं वापस लेह आया और लेह में भाजपा जिला कार्यालय का कार्यालय सचिव बनाया गया. जो ऑफिस की सबसे छोटी पोस्ट थी.
उन्होंने कहा- मैंने यह जिम्मेदारी स्वीकार की. मैं उन लोगों के लिए आवेदन पत्र लिखता था जो कार्यालय में आते थे, क्योंकि वे साक्षर नहीं थे या अच्छी तरह से पढ़ना भी नहीं जानते थे. धीरे-धीरे मुझे पार्टी का प्रवक्ता बना दिया गया. उन्होंने काम करते-करते लोगों का मन जीता और बीजेपी ने उनको सांसद का टिकट दिया और उन्होंने जीत हासिल की.