'किस्सा खाकी का': 56 परिवारों के लिए फरिश्ता बनकर आईं गुरप्रीत कौर, जानिए कैसे 3 महीने में लौटी खुशियां

दिल्ली पुलिस के पॉडकास्ट #KissaKhakiKa के इस अंक में सुनाई गई हेड कॉन्स्टेबल गुरप्रीत कौर की कहानी, जिन्होंने सिर्फ 3 महीने में 56 गुमशुदा बच्चों को उनके परिवारों से मिलाकर, बिछड़े लोगों के चेहरे की खुशियां बन गईं.

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'किस्सा खाकी का': हेड कॉन्स्टेबल गुरप्रीत कौर जैसे लोग समाज को लौटा रही हैं गुमशुदा खुशियां

डिजिटल दुनिया में अब दिल्ली पुलिस भी एक के बाद एक नए कदम रख रही है. डिजिटलाइजेशन के इस दौर में दिल्ली पुलिस ऑडियो प्रेजेंटेशन के जरिए अपनी बात अब दिल्ली की जनता तक पहुंचा रही है. किस्सा खाकी का, दिल्ली पुलिस पॉडकास्ट का आधिकारिक पॉडकास्ट, जो अपने साप्ताहिक एपिसोड के माध्यम से मानवता, साहस, अपराध और न्याय की कई कहानियों को प्रकाश में ला रहा है, इस रविवार हेड कॉन्स्टेबल गुरप्रीत कौर की कहानी को प्रदर्शित किया जा रहा है, जिन्होंने सिर्फ 3 महीने में 56 गुमशुदा बच्चों को उनके परिवारों से मिलाकर, बिछड़े लोगों के चेहरे की खुशियां बन गईं.

'किस्सा खाकी का' यह पॉडकास्ट प्रसिद्ध मीडिया शिक्षिका वर्तिका नंदा सुना रही हैं, जो अपने रेडियो कार्यक्रम की पहल के माध्यम से जेल सुधारों पर भी काम कर रही हैं. यह ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर भी उपलब्ध है.

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2021 के दिसंबर में दिल्ली के इलाके से 13 साली की लड़की के लापता होने का मामला आया. बाद में पता चला कि वो अपने एक दोस्त के साथ घर छोड़कर कहीं चली गई है. तलाश शुरू हुई है. कोई जरिया नहीं था, लेकिन हेड कॉन्स्टेबल गुरप्रीत कौर ने समाधान खोज निकाला और दोनों लड़कियों की तलाश का जरिया बनीं हेड कॉन्स्टेबल गुरप्रीत कौर की समझदारी और एक लड़की का इंस्टाग्राम अकाउंट. आज दोनों लड़कियां अपने परिवार के साथ हैं.

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