कोलकाता इंटरनेशनल ड्रम फेस्टिवल 2025 में बच्चों के एक समूह द्वारा एक अनोखे परफॉर्मेंस का वीडियो वायरल हो रहा है. वजह ये है कि उन्होंने पूरी तरह से घरेलू कबाड़ से बने वाद्ययंत्र बजाते हुए स्टेज पर बंगाली नर्सरी कविताएं गाईं. इंस्टाग्राम पर मेगदुत रॉय चौधरी (@meghdutroychowdhury) द्वारा शेयर किए गए वीडियो में परफॉर्मेंस की एक झलक दिखाई गई है.
पोस्ट के कैप्शन में लिखा है, "स्थानीय समुदायों के बच्चे बंगाली नर्सरी कविताएं गा रहे हैं और घरेलू कबाड़ से बने वाद्ययंत्र बजा रहे हैं."
बैंड को संगीतकार संजय मंडल ने प्रशिक्षित किया है और सोशल मीडिया यूजर्स ने उन्हें तुरंत पहचान लिया. "संजय मंडल और उनकी टीम एक दशक से भी ज़्यादा समय से काम कर रही है. वे 2009/2010 में इंडियाज गॉट टैलेंट में फाइनलिस्ट थे और ज़ी बांग्ला सा रे गा मा पा में कई बार परफॉर्म कर चुके हैं. उन पर एक फ़िल्म भी बनी है, एक यूजर ने कहा,'टेंगरा ब्लूज़'.
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बच्चों की क्रिएटिविटी को देखकर दूसरे लोग दंग रह गए. "देवियों और सज्जनों, यह वही बंगाल है जिसे हम जानते हैं: अपने सबसे सच्चे रूप में कलात्मक किंवदंतियां," एक यूजर ने कहा, "कोलकाता की कच्ची प्रतिभा? शुद्ध, अनफ़िल्टर्ड जादू."
यह प्रदर्शन यह साबित करता है कि संगीत को जुनून से अधिक किसी चीज की जरूरत नहीं है, और शायद कुछ त्याग दी गई वस्तुओं को प्रतिभा के साथ पुनः उपयोग में लाने की भी जरूरत है.