दिहाड़ी मजदूर ने पाई-पाई जोड़कर खोली थी लाइब्रेरी, जलकर हुई खाक, तो सोशल मीडिया से ऐसे मिली लाखों की मदद

मैसूर (Mysuru) में एक दिहाड़ी मजदूर (Wage Labourer) ने खून पसीने की कमाई की एक-एक पाई जोड़कर एक लाइब्रेरी (Library) खोली थी, लेकिन आग लगने से वहां रखीं 11 हजार से ज्यादा पुस्तक जलकर खाक (Library Set On Fire) हो गईं.

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मजदूर ने पाई-पाई जोड़कर खोली थी लाइब्रेरी, जलकर हुई खाक, तो ऐसे मिली लाखों की मदद

कर्नाटक (Karnataka) के मैसूर (Mysuru) में एक दिहाड़ी मजदूर (Wage Labourer) ने खून पसीने की कमाई की एक-एक पाई जोड़कर एक लाइब्रेरी (Library) खोली थी, लेकिन आग लगने से वहां रखीं 11 हजार से ज्यादा पुस्तक जलकर खाक (Library Set On Fire) हो गईं. बताया जा रहा है कि शुक्रवार को अज्ञात लोगों ने आग लगा दी थी. सैयद इस्साक (Syed Issaq) द्वारा संचालित पुस्तकालय में 11,000 से अधिक पुस्तकें थीं, जिनमें से अधिकतर कन्नड़ में थीं.

इस्साक ने एनडीटीवी को बताया, 'इस सार्वजनिक पुस्तकालय में कम से कम 11,000 किताबें थीं और 2011 से कार्यात्मक रही हैं. सभी धर्मों की किताबें और कागजात थे. सब कुछ जलकर नष्ट हो गया है.'

घटना के बाद, इस्साक ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, आरोप लगाया कि आग उन लोगों द्वारा लगाई जा सकती है जो कन्नड़ भाषा के खिलाफ हैं. उन्होंने कहा, 'जो लोग कन्नड़ से नफरत या नापसंद करते हैं, उन्होंने यह किया ... यहां एक पुस्तकालय होना चाहिए. इस क्षेत्र में शिक्षा की सुविधा बहुत खराब है.'

आग के बारे में सुनकर, सोशल मीडिया पर लोगों ने इस्साक की मदद के लिए अब तक, 13 लाख जुटाए हैं, जो फिर से पुस्तकालय बनाने के लिए दृढ़ हैं.

उन्होंने कहा, 'जो भी होता है, अच्छे के लिए होता है. शिक्षा यहां आवश्यक है. अब्दुल कलाम ने एक बार कहा था, 'एक अच्छी किताब 100 अच्छे दोस्तों के बराबर होती है. आप 100 लोगों से दोस्ती करते हैं, वे आपके साथ विश्वासघात करेंगे, लेकिन एक किताब आपको कभी धोखा नहीं देगी.'

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