करनाल की कल्पना चावला ने लड़कियों को उड़ने का सपना दिखाया था, इंटरनेट पर लोग याद कर रहे हैं

1 फरवरी, 2003. इस दिन अंतरीक्ष से किसी के लौटने का जश्‍न का मनाया जा रहा था, मगर जश्न मातम में बदल गया. कल्पना चावला सात अन्य साथी के साथ शहीद हो गईं. उनकी शहादत से पूरी दुनिया हैरान थी. हालांकि, होनी को कौन टाल सकता है?

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एक फरवरी का दिन दुनिया के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के दिल में एक टीस बनकर बसा है. वर्ष 2003 में इसी तारीख को अमेरिका का अंतरिक्ष शटल कोलंबिया अपना अंतरिक्ष मिशन समाप्त करने के बाद लौटने के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया और इसमें सवार सभी सात अंतरिक्ष यात्रियों की मौत हो गई. अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला भी इस हादसे में मारी गईं. कोलंबिया में मिशन विशेषज्ञ के तौर पर गईं कल्पना भारत में हरियाणा के करनाल में एक जुलाई 1961 को पैदा हुईं और वह पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज में एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाली पहली महिला थीं. Social Media पर लोग उन्हें याद कर रहे हैं.

भारतीय मूल की प्रथम महिला अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला

आपके हौसले को सलाम

कल्पना चावला को नमन

1 फरवरी, 2003. इस दिन अंतरीक्ष से किसी के लौटने का जश्‍न का मनाया जा रहा था, मगर जश्न मातम में बदल गया. कल्पना चावला सात अन्य साथी के साथ शहीद हो गईं. उनकी शहादत से पूरी दुनिया हैरान थी. हालांकि, होनी को कौन टाल सकता है? इंटरनेट और सोशल मीडिया पर लोग उनके लिए अपनी भावनाएं व्यक्त कर रहे हैं.

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