साल 1938 में वॉल्ट डिज्नी (Walt Disney) की ओर से एक महिला को जॉब रिजेक्शन लेटर (Rejection Letter) भेजा गया था जिसे लेकर अब सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है. क्योंकि यह इस बात को बताता है कि उस समय कैसे किसी महिला को क्रिएटिव वर्क करने के बजाए उन्हें वह काम करने के लायक समझा जाता था जिससे उनकी क्षमताएं सीमित रहती थीं. इस लेटर की शुरुआत फोर्ड नाम की महिला को संबोधित करने से होती है, जिसने यूएस फिल्म प्रोड्यूसर के यहां इंकिंग और पेंटिंग डिपार्टमेंट में जॉब के लिए अप्लाई किया था. लेटर में आगे लिखा है, " महिलाएं स्क्रीन पर कार्टूनों को तैयार करने में कोई क्रिएटिव काम नहीं करती हैं, क्योंकि वह काम युवा पुरुषों के द्वारा किया जाता है. जिसके चलते लड़कियों को ट्रेनिंग स्कूल में मान्यता नहीं दी जाती."
आवेदक महिला को डिज्नी में इकलौता काम करने के लिहाज से लेटर में आगे कहा गया कि महिलाओं के लिए कंपनी में एकमात्र काम भारतीय इंक के साथ साफ सेल्युलाइड शीट पर कैरेक्टर्स का पता लगाना और निर्देशों के अनुसार शीट के दूसरी तरफ निशानों को पेंट से भरना है.
Job rejection letter sent by Disney to a woman in 1938
byu/Deepakhn inDamnthatsinteresting
इसके साथ ही वायरल लेटर में कंपनी के इंकिंग और पेंटिंग डिपॉर्टमेंट में अप्लाई करने की प्रोसेस भी बताई गई है. जिसके अनुसार "इंकर" और "पेंटर" के पद पर अप्लाई करने के लिए स्टूडियो में उपस्थित होना जरुरी है. साथ ही हॉलीवुड आने के लिए ऊपर बताए गए बातों को ध्यान में रख सैंपल लाना आवश्यक है. लेटर में निष्कर्ष निकाला गया है कि आवेदन करने वाली लड़कियों की संख्या की तुलना में बहुत कम रिक्तियां हैं.
इस वायरल जॉब रिजेक्शन लेटर पर कई रेडिट यूजर्स के कमेंट्स आए हैं. एक यूजर ने लिखा "अब समय बदल गया है, यदि इन दिनों आपको नौकरी पर नहीं रखा जाता तो उसके बारे में बताया भी नहीं जाता." वहीं दूसरे ने लिखा, महिलाओं के साथ ऐसा व्यवहार गलत था और है.