Old School Become Guest House: जापान, जिसे तकनीकी और आधुनिकता का प्रतीक माना जाता है, अब एक नई चुनौती का सामना कर रहा है. जनसंख्या में गिरावट और गांवों से शहरों की ओर तेजी से हो रहा पलायन. इस स्थिति का सबसे बड़ा असर गांवों के स्कूलों पर पड़ा है, जहां छात्रों की कमी के चलते हजारों स्कूल हर साल बंद हो रहे हैं. आंकड़ों की मानें तो जापान में हर साल गांवों में करीब 450 स्कूल बंद हो जाते हैं. इससे गांवों की रौनक भी खत्म हो रही थी, लेकिन अब जापान सरकार ने एक बेहद अनोखा और सराहनीय फैसला लिया है.
इन बंद हो चुके स्कूलों को अब गेस्ट हाउस (guest houses in Japan), कैफे और सामुदायिक केंद्रों में बदला जा रहा है. इस फैसले से गांवों में दोबारा चहल-पहल देखने को मिल रही है और पर्यटकों के साथ-साथ स्थानीय लोग भी अब गांवों की ओर लौटने लगे हैं.
इसका एक शानदार उदाहरण जापान के मियोशी शहर (Japanese village tourism) में देखने को मिला है, जहां 'हरे टू' नामक स्कूल को गेस्ट हाउस में बदला गया है. यह स्कूल 2005 में बंद हो गया था, लेकिन अब यहां रुकने आने वाले मेहमान न सिर्फ प्रकृति के करीब महसूस करते हैं, बल्कि स्वास्थ्य लाभ भी उठा रहे हैं.
टोक्यो की एक डिजाइनर शुको उएमोटो (Japan school transformation) ने बताया कि, उनके बेटे को अस्थमा की समस्या थी, लेकिन मियोशी के गेस्ट हाउस में रहने और यहां की शुद्ध हवा में सांस लेने से उनकी सेहत में काफी सुधार हुआ. यहां हर्बल चाय की चुस्की और कॉफी की महक लोगों को मंत्रमुग्ध कर देती है.
अब तक मियोशी में 13 से ज्यादा बंद स्कूलों को गेस्ट हाउस (Miyoshi guest house), कैफे और लोकल मार्केट सेंटर में तब्दील किया जा चुका है. हर महीने यहां स्थानीय बाजार भी लगता है, जहां पर्यटक और ग्रामीण दोनों ही हिस्सा लेते हैं.
जापान का यह कदम सिर्फ पर्यटन को बढ़ावा नहीं दे रहा, बल्कि गांवों में फिर से जीवन (eco friendly guesthouses Japan) भरने की एक मिसाल बन चुका है. दुनिया के अन्य देशों को भी इससे प्रेरणा लेकर अपने गांवों को फिर से जीवंत बनाने की दिशा में कदम उठाना चाहिए.
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