आईटी सेक्टर में जिस तेजी से जॉब्स बढ़ रही हैं, उतनी ही ज्यादा सैलरी भी इंजीनियर्स को ऑफर की जाती हैं, लेकिन इंजीनियर बनते ही नए-नए टेक्नोक्रेट्स को उतनी सैलरी नहीं मिलती, जितनी उन्हें उम्मीद रहती है. इसका असर पड़ता है जब ऐसे इंजीनियर्स शादी के लिए जाते हैं....तब लड़की के माता-पिता की एक्सपेक्टेशन उनकी सैलरी से कहीं ज्यादा होती है. इस बारे में एक इन्वेस्टर ने X (ट्विटर) पर एक पोस्ट किया है. इस पोस्ट की वजह से नए इंजीनियर्स पर पड़ने वाले फाइनेंशियल प्रेशर पर सोशल मीडिया पर बहस तेज हो गई है.
पोस्ट में बताया सैलरी का प्रेशर
ट्विटर पर विनीत के नाम के एंटरप्रेन्योर ने एक ट्वीट किया है. इस ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि शादी की बातचीत के समय दूल्हे से सैलरी एक्सपेक्टेशन इनसेन होती हैं. जो लोग आईटी सेक्टर में हैं, उनकी सैलरी अगर एक लाख रुपये है तो भी उन्हें कंसिडर नहीं किया जाता है. उन्होंने आगे लिखा कि ऐसे पेरेंट्स को अपना माइंडसेट रीसेट करने की जरूरत है. ये समझने वाली बात है कि एक 28 साल का युवा कैसे एक या दो लाख रुपये कमा सकता है. साथ में एक कार और घर का मालिक भी हो सकता है, जबकि उनकी खुद की जनरेशन में ये सारी चीजें रिटायरमेंट के बाद नसीब होती थी.
यहां देखें पोस्ट
सोशल मीडिया पर शुरू हुई बहस
इस पोस्ट ने बहुत तेजी से लोगों का ध्यान खींचा और कमेंट सेक्शन में एक तरह की बहस भी शुरू हो गई. खबर लिखे जाने तक विनीत की इस पोस्ट को एक मिलियन व्यूज मिल चुके थे, जिस पर एक यूजर ने कमेंट किया कि बेंगलुरु जैसे शहर में एक लाख की सैलरी एक्सपेक्ट करना रीजनेबल बात है. एक और यूजर ने लिखा कि मैरिज सिचुएशन भारत में वाकई बहुत मुश्किल होती जा रही है. अच्छी सैलरी के इंतजार में लोग 30 से 35 साल की उम्र तक शादी करते हैं. एक अन्य ने कमेंट किया कि आईटी हब में रहकर एक लाख रुपये तो मिलना आसान है, लेकिन मुश्किल ये है कि बड़े शहरों में फैमिली के साथ सिर्फ एक लाख रुपये में अच्छे से रहना आसान नहीं है.
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