पूर्वी दक्षिण अफ्रीका (Eastern South Africa) में मिली जिस चमकदार धातु को बेशकीमती हीरा (Diamond) बताया जा रहा था, वो हकीकत में एक चमकीला पत्थर निकला है. शुरुआती जांच में ये बात सामने आई है. जब इस रहस्यमयी खजाने की खबर फैली थी, तो लोगों का बड़ा हुजूम उस जगह पर पहुंच गया था, जहां यह धातु पाई गई थी. लोगों ने खजाना पाने के लिए खुदाई भी शुरू कर दी थी, लेकिन अब सबके अरमानों पर पानी फिर गया.
दरअसल, दक्षिण अफ्रीका के क्वाज़ुलु-नताल (KwaZulu-Natal) में एक पहाड़ी पर हजारों लोग रहस्यमयी पत्थरों की खुदाई करने के लिए पहुंचे थे, जिन्हें पहले एक पशु चारक ने खोजा था और उन्हें हीरा समझ लिया था. इस खबर के बाद वहां लोगों की बड़ी मात्रा में भीड़ जुटनी शुरू हो गई.
वहां जुटी भीड़ को देखकर सरकार को जियो साइंटिस्ट (Geoscientists) और माइनिंग एक्सपर्ट्स (Mining Experts) को सैंपल कलेक्ट करने के लिए वहां भेजना पड़ा.
लेकिन टेस्टिंग के परिणामों में जो नतीजे सामने आए, उसने कई उम्मीदों के साथ खुदाई करने वालों के सपनों को चकनाचूर कर दिया.
स्थानीय सरकार के एक बयान में रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया गया कि परीक्षणों से पता चला है कि क्षेत्र में खोजे गए पत्थर हीरे नहीं हैं. बताया गया कि जो पत्थर खोजे गए हैं वह क्वार्ट्ज क्रिस्टल हैं. यह भी बताया गया है कि हीरो की तुलना में पत्थरों का मूल्य बहुत कम होगा.
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि साइट - जोहान्सबर्ग से 300 किलोमीटर (186 मील) दक्षिण-पूर्व में है, जो डोलराइट नाम की ज्वालामुखीय चट्टान की एक तह के पास है और यह उस क्षेत्र में नहीं है जहा हीरे मौजूद हैं.
हीरा मिलने की संभावना ने दक्षिण अफ्रीका के सबसे गरीब क्षेत्रों में से एक और उसके बाहर के लोगों में आशाएं पैदा कर दी थीं.
वहीं, अपनी Mineral Wealth के लिए प्रसिद्ध देश, दशकों से बढ़ती बेरोजगारी से जूझ रहा है, जो कोरोनोवायरस महामारी से और बदतर हो गई है.
इस बीच, सरकार ने कोरोनोवायरस और पर्यावरणीय खतरे का हवाला देते हुए लोगों से क्षेत्र खाली करने के लिए कहा है.