सोने के लिए महज साढ़े 4 घंटे, JEE की तैयारी कर रहे लड़के का टाइम टेबल हुआ वायरल

हाल ही में एक्स पर एक यूजर ने टाइम मैनेजमेंट के महत्व को बताते हुए जेईई (संयुक्त प्रवेश परीक्षा) की तैयारी कर रहे एक दोस्त के बेहद कठिन शेड्यूल को शेयर किया है.

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जेईई एस्पिरेंट का ये टाइम टेबल देख उड़ जाएंगे होश

आईआईटी (IIT) जेईई (JEE) और यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) की परीक्षा भारत में सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा में से एक मानी जाती हैं और हर साल देश भर में लाखों स्टूडेंट्स इसमें भाग लेते हैं. देश में सबसे कठिन मानी जाने वाली ये परीक्षाएं स्ट्रैटेजिक प्लानिंग, फोक्स्ड डेडिकेशन और अनुशासित दृष्टिकोण की मांग करती हैं. हाल ही में एक्स पर एक यूजर ने टाइम मैनेजमेंट के महत्व को बताते हुए जेईई (संयुक्त प्रवेश परीक्षा) की तैयारी कर रहे एक दोस्त के बेहद कठिन शेड्यूल को शेयर किया है.

मिस्टर आरसी नाम के इस यूजर ने खुद को 16 वर्षीय बताते हुए है अपने 17 साल के एक दोस्त की हैंड रिटन टाइम टेबल की तस्वीर एक्स पर शेयर की है. कैप्शन में लिखा है, 'एक करीबी दोस्त का शेड्यूल जो जेईई की तैयारी कर रहा है.'

सोने के लिए महज साढ़े 4 घंटे

टाइम टेबल के स्क्रीनशॉट में उनकी रोजमर्रा के काम, सोने और पढ़ाई के लिए तय किए गए समय को दिखाया गया है. जेईई की तैयारी कर रहा ये युवा हर दिन आधी रात को सोने के बाद सुबह 4:30 बजे उठ जाता है. वह केवल 4.5 घंटे की नींद लेता है. बाकी दिन रिवीजन करने, क्लास अटेंड करने और क्लास के काम व नोट्स को पूरा करने में चला जाता है. छुट्टी या अन्य गतिविधियों के लिए मुश्किल से ही समय मिलता है. खुद को प्रेरित करने के लिए छात्र ने शेड्यूल के नीचे एक इंस्पायरिंग कोट भी लिखा है जिसमें लिखा था, 'आपको यह दिन फिर कभी नहीं मिलेगा, तो इसे गिनें.'

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नेटिजन्स को हुई चिंता

पोस्ट शेयर करने वाले यूजर ने आगे लिखा कि, उनका दोस्त टाइम टेबल को बहुत ही स्ट्रिक्टली फॉलो करता है और अपने परिवार को गरीबी से बाहर लाने के दृढ़ संकल्प से भरा हुआ है. उनके पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए, एक यूजर ने लिखा, बहुत व्यस्त..शारीरिक गतिविधि के लिए समय नहीं. दूसरे ने कमेंट किया, यह अच्छा लग रहा है, खासकर वो पावर-नैप. दिन की शुरुआत ध्यान/दौड़ से करने और बाद में दिन में 30 मिनट के लिए कोई खेल जोड़ने का अनुरोध करूंगा. शुभकामनाएं. तीसरे ने लिखा, मेडिकल एविडेंट से पता चलता है कि किशोरावस्था में 7-8 घंटे से कम सोने से याददाश्त कमजोर होती है, सीखने की क्षमता कम हो जाती है और समस्या सुलझाने का कौशल कम हो जाता है.

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