बिल्ली का बच्चा समझ घर ले आये तेंदुए के शावक, IFS ऑफिसर का फूटा गुस्सा, कहा- ये सेल्फी का क्रेज

हाल ही में ग्रामीणों को तेंदुए के दो शावक मिले, जिन्हें वे बिल्ली का बच्चा समझकर अपने साथ घर ले आये, लेकिन जल्द ही उन्हें इस बात का आभास हो गया कि, जिन्हें वे बिल्ली का बच्चा समझकर घर लाया, वे असल में तेंदुए के बच्चे हैं.

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तेंदुए के शावकों को मां से जुदा कर घर ले आए ग्रामीण, सोशल मीडिया पर पब्लिक का फूटा गुस्सा

Leopard cubs video: इंटरनेट पर अक्सर जंगली जानवरों से जुड़े वीडियो सामने आते रहते हैं. इनमें से कुछ वीडियो में वे अपने परिवार के साथ समय बिताते भी नजर आते हैं, लेकिन कई बार जंगल में बेवजह इंसानों की दस्तक उनके लिए परेशानी का सबब बन जाती है. हाल ही में एक ऐसा ही वीडियो लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच रहा है, जिसमें ग्रामीणों को तेंदुए के दो शावकों को अपने हाथ में लेकर फोटो खिंचवाते देखा जा सकता है. महज सेल्फी के चक्कर में बच्चों को मां से दूर करना का ये मामला अब ट्विटर पर चर्चा का विषय बना हुआ है. 

दरअसल, हाल ही में हरियाणा के नूंह जिले के ग्रामीणों को तेंदुए के दो शावक मिले हैं, जिन्हें वो बिल्ली का बच्चा समझकर अपने साथ घर ले आया. इस बीच भूखे शावकों को जिस वो बिल्ली समझ रहा था, उसे वो बकरी का दूध पिलाकर पालने लगा, लेकिन कुछ समय में ही उसका इस बात का आभास हो गया कि, जिसे वो बिल्ली का बच्चा समझकर घर लाया, वो असल में तेंदुए का बच्चा है.

यहां देखें पोस्ट

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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस वीडियो को समाचार एजेंसी ANI ने अपने ट्विटर हैंडल से शेयर किया है, जिस पर यूजर्स तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. पोस्ट के कैप्शन में लिखा गया है, 'हरियाणा के नूंह जिले में ग्रामीणों को तेंदुए के 2 बच्चे मिले है. शावकों को सुरक्षित वन्यजीव विभाग को सौंप दिया गया. डीएफओ विभाग के अधिकारी राजेश कुमार ने कहा, 'कुछ बच्चे बकरियां चराने जंगल गए थे और उन्हें ये शावक मिले. हम उन्हें जंगल में ले जाएंगे और उनकी मां तक ​​पहुंचने की कोशिश करेंगे.''

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इस मामले पर भारतीय वन सेवा अधिकारी परवीन कासवान ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने सलाह देते हुए लिखा कि, 'ऐसे समय में इसकी जरूरत नहीं है. लोगों को ऐसे तेंदुए के बच्चों को उनकी जगह से नहीं उठाना चाहिए. इसके बाद सेल्फी का क्रेज. मां हमेशा वहीं आती है, जहां उसने इन्हें छोड़ा था. एक बार उठा लेने के बाद, उन्हें उनकी मां से मिला पाना काफी मुश्किल होता है. ऐसे मामलों में या तो शावकों की मौत हो जाती है या फिर जीवनभर उन्हें कैद में रहना पड़ता है. मैं यह बात ऐसे दर्जनों बचाव और पुनर्मिलन अनुभव के साथ कह रहा हूं.' 

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