गाजा के सपोर्ट वाले जूते पहनने पर आईसीसी ने लगाई रोक, खिलाड़ी ने ट्विटर पर दी प्रतिक्रिया

उन्होंने ‘एक्स’ पर जारी वीडियो में कहा,‘‘सभी जीवन एक समान हैं. आजादी मानव का अधिकार है. मैं मानव अधिकार के लिए अपनी आवाज उठा रहा हूं. मेरे जूतों पर जो कुछ लिखा गया था वह राजनीतिक नहीं था. मैं किसी का पक्ष नहीं ले रहा हूं.’’

विज्ञापन
Read Time: 6 mins

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा को उन जूतों को पहनने की अनुमति नहीं दी जिस पर उन्होंने जाहिर तौर पर गाजा के संदर्भ में कुछ संदेश लिखे थे.पाकिस्तानी मूल के इस क्रिकेटर ने मंगलवार को अभ्यास सत्र के दौरान जो जूते पहन रखे थे उन पर ‘‘सभी जीवन समान हैं'' और ‘‘स्वतंत्रता मानव का अधिकार है'' जैसे संदेश लिखे हुए थे. रिपोर्टों के अनुसार उनकी योजना पाकिस्तान के खिलाफ गुरुवार से शुरू होने वाले पहले टेस्ट मैच के दौरान इन जूतों को पहनने की थी.

आईसीसी के नियम हालांकि इस तरह की गतिविधियों को अनुमति नहीं देते हैं और बुधवार को इसकी पुष्टि भी कर दी गई कि यह 36 वर्षीय बल्लेबाज इन जूतों को पहनकर मैदान पर नहीं उतरेगा. ख्वाजा ने बाद में कहा कि वह मानव अधिकारों के लिए अपनी आवाज उठाते रहेंगे.

उन्होंने ‘एक्स' पर जारी वीडियो में कहा,‘‘सभी जीवन एक समान हैं. आजादी मानव का अधिकार है. मैं मानव अधिकार के लिए अपनी आवाज उठा रहा हूं. मेरे जूतों पर जो कुछ लिखा गया था वह राजनीतिक नहीं था. मैं किसी का पक्ष नहीं ले रहा हूं.''

ख्वाजा ने कहा,‘‘मेरे लिए मानव जीवन बराबर है. एक यहूदी जीवन एक मुस्लिम जीवन के बराबर है, एक हिंदू जीवन के बराबर है. मैं केवल उन लोगों की बात कर रहा था जो अपनी आवाज नहीं उठा सकते.''रिपोर्ट के अनुसार ख्वाजा ने संदेश वाले जूते पहनने के बारे में अपने साथियों को नहीं बताया था.क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने भी इस संदर्भ में बुधवार को बयान जारी किया और खिलाड़ियों से आईसीसी के नियमों का पालन करने को कहा.

क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने कहा, ‘‘हम अपने खिलाड़ियों के व्यक्तिगत राय व्यक्त करने के अधिकार का समर्थन करते हैं. लेकिन आईसीसी के ऐसे नियम हैं जो व्यक्तिगत संदेशों के प्रदर्शन पर रोक लगाते हैं, जिसका हम खिलाड़ियों से पालन करने की उम्मीद करते हैं.''ऑस्ट्रेलिया के कप्तान पैट कमिंस ने कहा कि ख्वाजा टेस्ट मैच के दौरान इन जूतों को नहीं पहनेगा. कमिंस ने कहा,‘‘मैंने तुरंत ही उससे बात की और उसने कहा कि वह इन्हें नहीं पहनेगा. मुझे लगता है कि जूतों पर जो लिखा था, 'सभी का जीवन समान है', मैं इसका समर्थन करता हूं. ''

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
NDTV Indian Of The Year 2025: IISc की प्रोफेसर Gali Madhavi Latha को ‘साइंस आइकन ऑफ द ईयर’