सोशल मीडिया पर एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है और साथ ही लोगों के बीच चर्चा का विषय भी बना हुआ है. इस वीडियो में दिखाया गया है कि मुंबई मेट्रो में युवाओं का एक समूह 'जय श्री राम' गा रहा है, जिस पर सोशल मीडिया यूजर्स ने नाराजगी जताई है और इसे सार्वजनिक उपद्रव करार दिया है.
वीडियो में, डांडिया आउटफिट और एथनिक पोशाक पहने दर्जनों युवाओं को पूरे मेट्रो कोच में सीट पर और फर्श पर बैठे हुए देखा जा सकता है. समूह को ताली बजाते और जोर-जोर से गाना गाते हुए देखा जा सकता है. वीडियो के अंत में युवाओं को एक गुजराती गाना गाते हुए सुना जा सकता है.
लगभग दस लाख व्यूज वाले इस वीडियो ने इंटरनेट पर लोगों को दो वर्गो में बांट दिया है. जहां कुछ यूजर्स ने तर्क दिया कि ट्रेन में ऊंची आवाज में गाना सार्वजनिक उपद्रव के समान है, वहीं बाकियों ने इसे युवाओं के एक समूह द्वारा नवरात्रि का उत्सव बताया. एक यूजर ने कहा, "हमें हर किसी के धर्म का सम्मान करना चाहिए. शिक्षित समाज में सार्वजनिक स्थान पर उपद्रव करना वास्तव में अस्वीकार्य है."
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दूसरे कमेंट में कहा गया, "कल्पना करें कि अन्य धर्म भी ऐसा ही करेंगे तो आपकी प्रतिक्रिया क्या होगी? धर्म के नाम पर दूसरों के लिए बाधा उत्पन्न करके हिंदू धर्म को अपमानित न करें." तीसरे यूजर ने कहा, "चाहे हिंदू संगीत हो या मुस्लिम या सिख या ईसाई, ऐसी सभी चीजें महानगरों में प्रतिबंधित हैं. सभी नियमों और मानदंडों को कूड़ेदान में फेंक दिया गया है."
कुछ यूजर्स तो मुंबई पुलिस को टैग करके ग्रुप की गिरफ्तारी की मांग करने लगे. जिसमें लिखा है, "सार्वजनिक उपद्रव पैदा करने के लिए गिरफ्तार किया जाना चाहिए." यूजर ने कहा, "उम्मीद है कि इस तरह की भीड़ नागरिक भावना और सार्वजनिक स्थानों पर स्वच्छता पर भी समान ध्यान देगी. लेकिन यह कठिन है."
दूसरे कमेंट में कहा गया, "क्या बकवास चल रहा है?! इसकी अनुमति कैसे दी गई?! लोकल ट्रेनें, मेट्रो, हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशन सभी डांडिया केंद्र बन गए हैं. मनोरंजन उन लोगों पर थोपा जा रहा है जो रुचि नहीं रखते हैं."