छोटी छोटी माचिस की तीलियों को बनाने के लिए बड़ी-बड़ी लकड़ियों की पड़ती है जरूरत, फिर आती है सबसे मुश्किल घड़ी

क्या कभी आपने इन माचिस की तीलियों को बनते देखा है कि, आखिर ये बनती कैसे हैं? अगर आपका जवाब भी न है, तो इस वीडियो को देखना तो बनता है. दरअसल, इसे बनाने की प्रक्रिया बेहद मुश्किल है.

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पल भर में जलकर राख हो जाने वाली माचिस को बनाना नहीं है आसान.

How to Manufacturing Matchbox Inside Factory: दुनियाभर के कई घरों में आज भी माचिस की तीलियों (How Matches Are Made) का इस्तेमाल किया जाता है. हां भले ही लाइटर के आ जाने के बाद इसका इस्तेमाल कम जरूर हो गया है, लेकिन खत्म नहीं हुआ. यूं तो माचिस का सबसे ज्यादा इस्तेमाल घर में खाना बनाते समय आग जलाने के लिए किया जाता है या फिर सिगरेट जलाने के लिए. यूं तो डिब्बे में रखी ये तीलियां पल भर में ही जल जाती हैं, लेकिन क्या कभी आपने इन माचिस की तीलियों (matchstick manufacturing) को बनते देखा है कि, आखिर ये बनती कैसे हैं? अगर आपका जवाब भी न है, तो इस वीडियो (How Matches STICKS are Made) को देखना तो बनता है.

यहां देखें वीडियो

बेहद मुश्किल है प्रक्रिया (matchsticks made in factory)

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर माचिस की तीली बनाने की फैक्ट्री का यह वीडियो (Matchstick video) divulgamax_brasil नाम के अकाउंट से शेयर किया गया है. वीडियो में देखा जा सकता है कि, सबसे पहले लकड़ियों की छिलाई की जाती है और फिर बड़े-बड़े वुडेन रोल्स को छोटे टुकड़ों में काट (match sticks are made of which tree) दिया जाता है, जिसमें काफी मेहनत लगती है. छिलाई के बाद इन्हें मशीन की मदद से पेपर की तरह शीट्स में बदल दिया जाता है और फिर मशीन में डालते ही शीट्स छोटे-छोटे और पतले टुकड़ों में कलेक्ट कर लिए जाते हैं. इन टुकड़ों को धूप में सूखाने के बाद मशीन से होते हुए फैक्ट्री (how to make a match easy) के अंदर लाया जाता है. जहां उन पर ज्वलनशील बुरादा लगता है (जिसे घिसने पर आग लगती है). आखिर में इन तीलियों (machis factory ka video) को डिब्बे में पैक कर दिया जाता है. 

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माचिस की तीलियां बनाने का वीडियो (how matchsticks are made)

इस वीडियो को देखने के बाद आपके जहन में भी यही सवाल उठ रहा होगा कि, एक रुपये में मिलने वाली माचिस (how to make matchstick)की डिब्बी को बनाने के लिए आखिर कितनी मेहनत (machis bnaane ki factory) की जाती है. वीडियो (machis kaise bnaaya jaata hai) को देखने के बाद समझा जा सकता है कि, आसानी से मिलने वाली चीजों की अहमियत अक्सर बाद में ही समझ आती है. 5 दिन पहले शेयर किए गए इस वीडियो को अब तक 5 हजार से ज्यादा लोग लाइक कर चुके है. वीडियो देख चुके लोग इस पर तरह-तरह के रिएक्शन दे रहे हैं.

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