आरपीजी एंटरप्राइजेज (RPG Enterprises) के चेयरमैन हर्ष गोयनका (Harsh Goenka) इंफोसिस (Infosys) के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति (Narayana Murthy) के इस सुझाव से असहमत थे, कि भारतीय युवाओं को देश की उत्पादकता बढ़ाने के लिए सप्ताह में 70 घंटे काम करना चाहिए. श्री गोयनका ने एक सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से इस मामले पर अपने विचार जाहिर करते हुए कहा कि उत्पादकता को काम किए गए घंटों की संख्या से नहीं मापा जाना चाहिए. इसके बजाय, उन्होंने व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा, उद्देश्य और व्यक्तिगत उत्पादकता के महत्व पर जोर दिया.
इस मुद्दे पर गोयनका के रुख ने काफी चर्चा छेड़ दी है. उन्होंने तर्क दिया कि पारंपरिक पांच-दिवसीय कार्यसप्ताह (five-day workweek) संरचना अब अप्रचलित हो गई है और उन्होंने एक हाइब्रिड कार्य मॉडल की वकालत की, जिसके बारे में उनका मानना है कि यह काम का वर्तमान और भविष्य है. यह मॉडल व्यक्तिगत जरूरतों के अनुसार कार्यालय और दूरस्थ कार्य को मिश्रित करता है, जिससे कर्मचारियों को लचीलापन और स्वायत्तता मिलती है. यह बहस शुरू में भारत में युवा पेशेवरों के लिए 70 घंटे के कार्य सप्ताह की वकालत करने वाले मूर्ति की टिप्पणियों से शुरू हुई थी. उनकी टिप्पणियों ने तब से एक राष्ट्रीय बातचीत को छे़ड़ दिया है, जिसमें विभिन्न व्यापारिक नेता अपने-अपने दृष्टिकोण व्यक्त कर रहे हैं.
अपने पोस्ट में, गोयनका ने लिखा, "हाइब्रिड काम वर्तमान और भविष्य है. यह सब आपकी आवश्यकताओं के अनुरूप कार्यालय और दूरस्थ कार्य के मिश्रण के बारे में है. यह अब 50 या 70 घंटे काम करने के बारे में नहीं है, बल्कि आपकी अपनी महत्वाकांक्षा, आपके उद्देश्य और आपकी उत्पादकता के बारे में है." बदलाव को अपनाएं, नए कार्य परिदृश्य को अपनाएं, और कार्यालय और घर के बीच अपना पसंदीदा स्थान ढूंढें. यह प्राथमिकता देने का समय है कि आपके कार्य जीवन में वास्तव में क्या मायने रखता है.''
कई यूजर्स ने हाइब्रिड कार्य मॉडल पर हर्ष गोयनका के दृष्टिकोण को एक संतुलित और समझदार दृष्टिकोण के रूप में सराहा. उन्होंने प्रेरणा, रचनात्मकता और कार्य-जीवन सद्भाव को बढ़ावा देने में लचीलेपन के मूल्य पर प्रकाश डाला. कुछ लोगों ने बताया है कि दूरस्थ कामकाज में बदलाव से उत्पादकता स्तर में वृद्धि हुई है, यह सुझाव देते हुए कि कंपनियों को इसे जीत की स्थिति के रूप में पहचानना चाहिए.
एक यूजर ने लिखा, "आखिरकार, किसी ने नई कार्य संस्कृति को अपना लिया है. विकास और अनुकूलनशीलता पहिया को गतिमान रखती है". एक अन्य यूजर ने लिखा, "बिल्कुल! सही मानसिकता और कौशल बहुत बड़ा बदलाव ला सकते हैं. दक्षता और प्रभावशीलता कुछ व्यक्तियों को वह काम 7 घंटे में हासिल करने में मदद कर सकती है जो दूसरों को 70 घंटे में मिल सकता है. #Productivity #SkillsMatter मायने रखता है."