हिंदी मीडियम के साधारण छात्र से लेकर करोड़पति बनने तक का सफर, लोगों को प्रेरित कर रही इस टेक्निकल एक्सपर्ट की वायरल कहानी

न तो विरासत में कुछ मिला और न ही लॉटरी में जीत, उसकी सफलता का श्रेय उसके अटूट समर्पण को जाता है. यह तकनीकी विशेषज्ञ एक साधारण परिवार में पला-बढ़ा और हिंदी माध्यम के स्कूल में पढ़ा.

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सफलता के लिए क्या है जरूरी, इस पोस्ट में छिपा है जवाब

छोटे शहरों के लोग बड़े सपने की अक्सर सफल कहानियां गढ़ते हैं. छोटे से गांव के एक 34 वर्षीय तकनीकी पेशेवर की ऐसी ही कहानी इन दिनों वायरल हो रही है. रेडिट पर शेयर की गई ये कहानी सच में इंस्पायरिंग है. एक साधारण बैकग्राउंड से होने के बावजूद, जहां उसके पिता दिहाड़ी मज़दूर थे, उसने निरंतर प्रयास, धैर्य और अनुशासित जीवन शैली के ज़रिए 4 करोड़ रुपए तक की सेविंग कर ली है. न तो विरासत में कुछ मिला और न ही लॉटरी में जीत, उसकी सफलता का श्रेय उसके अटूट समर्पण को जाता है. यह तकनीकी विशेषज्ञ एक साधारण परिवार में पला-बढ़ा और हिंदी माध्यम के स्कूल में पढ़ा. उसकी महत्वाकांक्षा को और भी बल देने वाला एक मार्मिक क्षण उसके पिता के वे शब्द थे जब उन्होंने उससे कहा था कि जब लोग उन्हें उसकी उपलब्धियों के कारण जानेंगे तब उन्हें गर्व होगा.

रेडिट पोस्ट में शख्स ने लिखा, "उन्होंने एक बार मुझसे कहा था, जिस दिन लोग मुझे तुम्हारी वजह से जानेंगे, मुझे गर्व होगा." यह वाक्य मेरे साथ रहा. यह वह ईंधन बन गया जिसने मुझे आगे बढ़ाया. मुझे आज भी याद है कि भूख कैसी होती है. न केवल उस तरह की जब आपके पेट में दर्द होता है, बल्कि उस तरह की भी जब आप चुपचाप लेवी की ब्रांडेड टी-शर्ट पहनना चाहते हैं - इसलिए नहीं कि वह महंगी है, बल्कि इसलिए कि आप शहर की भीड़ के बीच सामान्य महसूस करना चाहते हैं."

उन्होंने याद किया कि वे सामान्य जीवन की चाहत रखते थे, लग्जरी की नहीं. जब उन्होंने कंप्यूटर सीखा, तो सब कुछ बदल गया, और उनमें एक ऐसा जुनून जगा जिसने उनके करियर को आकार दिया.

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टेक इंडस्ट्री में आने के बाद, उन्होंने बचत और आत्म-सुधार पर जोर दिया, बिना किसी फॉर्मल गाइडेंस के ऑनलाइन संसाधनों और किताबों के माध्यम से खुद को पर्सनल फाइनेंस और ट्रेडिंग की शिक्षा दी. अब, उनके पास एक कार और एक बाइक है, लेकिन घर नहीं है, जो एक जानबूझकर लिया गया फैसला हे. उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि उनका असली गर्व एक ऐसा जीवन बनाने में है जिससे उनके पिता खुश रहें, और वे इसे भौतिक संपत्ति से ज्यादा महत्व देते हैं.

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उन्होंने आगे लिखा, "मुझे टेक्नोलॉजी सेक्टर में एक अच्छी नौकरी मिल गई. मैंने ईमानदारी से काम किया. मैंने अनावश्यक खर्चों से परहेज किया, समझदारी से बचत की और पार्ट टाइम ट्रेडिंग शुरू कर दी. मेरा कोई गुरु नहीं था. मैंने अपनी गलतियों, YouTube पर फ्री कंटेंट और कुछ अच्छी किताबों से सीखा."

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पोस्ट यहां देखें:

From a Hindi-medium village boy to ₹4 Crore in savings at 34 – If I can, you can too.
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उन्होंने अपनी कहानी उन लोगों में आशा जगाने के लिए साझा की जो खुद को फंसा हुआ या पीछे छूटा हुआ महसूस कर रहे हैं. उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि दृढ़ संकल्प, निरंतरता और आत्मविश्वास के साथ कोई भी व्यक्ति ऐसी ही सफलता प्राप्त कर सकता है, चाहे उसका बैकग्राउंड कुछ भी हो या इंग्लिश में फ्लूएंसी न हो. उन्होंने अपनी यात्रा के बारे में पूछे गए सवालों का स्वागत करते हुए और दूसरों को दृढ़ रहने और अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ते रहने के लिए प्रोत्साहित करते हुए पोस्ट को खत्म किया.

r/Noida सबरेडिट पर शेयर की गई इस कहानी ने कई लोगों को प्रभावित किया है. एक यूजर ने लिखा, "आखिरकार कोई ऐसा व्यक्ति मिला जो इंटरनेट पर बकवास नहीं कर रहा था. शुक्रिया दोस्त, मुझे आगे बढ़ने, कड़ी मेहनत करने और हर दिन मजबूत बनने के लिए ऐसे ही इंस्पिरेशन की जरूरत है. "

एक अन्य ने लिखा, "बहुत ही भावुक कर देने वाला, आपके और आपके परिवार के लिए और भी सफलता की कामना करता हूं."

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